Maharashtra News: पुणे जिले में मौजूद एक यूनिवर्सिटी के 19 साल के मुस्लिम स्टूडेंट पर ''लव-जिहाद'' में शामिल होने का इल्जाम लगाते हुए 5 अज्ञात लोगों ने उसकी कथित तौर पर पिटाई कर दी.
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Maharashtra News: महाराष्ट्र के से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां, पुणे जिले में मौजूद एक यूनिवर्सिटी के 19 साल के मुस्लिम स्टूडेंट पर ''लव-जिहाद'' में शामिल होने का इल्जाम लगाते हुए 5 अज्ञात लोगों ने उसकी कथित तौर पर पिटाई कर दी. पुलिस ने यह जानकारी आज यानी 9 अप्रैल को दी है.
चतुश्रृंगी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना 7 अप्रैल को दोपहर में हुई थी. उस दौरान राज्य सरकार के जरिए संचालित सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के कैंपस में वह स्टूडेंट दो छात्राओं के साथ जा रहा था. उन्होंने कहा कि पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मुल्जिमों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.
यूनिवर्सिटी का आया बयान
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. 'लव जिहाद' दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और संगठनों के जरिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जिसमें मुस्लिम लड़को के जरिए हिंदू महिलाओं से शादी कर उन्हें इस्लाम धर्म में परिवर्तित करने की साजिश रचने का इल्जाम लगाया जाता है.
क्या है पूरा मामला
अधिकारी ने कहा कि यह स्टूडेंट अपनी दो महिला मित्रों के साथ खाना खाने के बाद वापस लौट रहा था, लेकिन तभी पांच अज्ञात व्यक्ति मोटरबाइक से यूनिवर्सिटी कैंपस में उसके पास आए. उन्होंने स्टूडेंट से कुछ सवाल पूछे और उसे अपना आधार कार्ड दिखाने के लिए कहा. पुलिस ने बताया कि अपनी शिकायत में छात्र ने इल्जाम लगाया कि आधार कार्ड में उसका नाम देखने के बाद एक व्यक्ति ने उससे पूछा कि क्या वह यूनिवर्सिटी में ‘‘लव जिहाद’’ फैलाने आया है. इसके बाद उसपर हमला कर दिया गया. मुल्जिमों ने मौके पर मौजूद उसके हिंदू पुरुष मित्र पर भी हमला किया.
खंगाला जा रहा है सीसीटीवी फुटेज
अधिकारी ने कहा, ''हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की है और सीसीटीवी फुटेज की मदद से उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं’’ उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता यूनिवर्सिटी में कौशल विकास पाठ्यक्रम का छात्र है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विजय खरे ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के लिए एक तथ्य-अन्वेषण समिति का गठन किया है और सुरक्षाकर्मियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि असामाजिक तत्वों के जरिए छात्रों को धमकी दिए जाने की ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.