Pak News: कीड़े-मकोड़ों की तरह जीने को मजबूर हो जाएंगे पाकिस्तानी, इमरान खान का बड़ा दावा
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Pak News: कीड़े-मकोड़ों की तरह जीने को मजबूर हो जाएंगे पाकिस्तानी, इमरान खान का बड़ा दावा

Pakistan News: तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से ही इमरान खान जेल में बंद है. इसके साथ ही इलेक्शन कमीशन ने पांच साल चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. इस बीच पूर्व पीएम इमरान खान ने बड़ा बयान दिया है.

Pak News: कीड़े-मकोड़ों की तरह जीने को मजबूर हो जाएंगे पाकिस्तानी, इमरान खान का बड़ा दावा

Pakistan News: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने आज यानी 6 नवंबर को कहा कि थलसेना चीफ जनरल आसिम मुनीर समेत तीनों सेनाओं के प्रमुखों को दो साल का सेवा विस्तार देना “लोकतंत्र, कानून के शासन और लोगों के अधिकारों का नरसंहार है.”  खान ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में मीडिया और अपने वकीलों के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की. खान के ‘एक्स’ खाते से की गयी एक पोस्ट में यह जानकारी दी गई है.

तीनों सेनाओं के चीफ का कार्यकाल बढ़ा
पाकिस्तान की संसद ने सोमवार को पाकिस्तानी आर्मी, एयरफोर्स और नौसेना प्रमुखों का कार्यकाल तीन से बढ़ाकर पांच साल करने वाला कानून पारित किया था. व्यापक रूप से माना जाता है कि पीएम शहबाज शरीफ की अगुआई वाली सरकार ने पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति जनरल असीम मुनीर को ध्यान में रखते हुए यह कानून बनाया है, जो दो साल का विस्तार मिलने के बाद नवंबर 2027 तक पद पर बने रहेंगे. 

इमरान खान ने क्या कहा?
खान के ‘एक्स’ अकाउंट पर की गई पोस्ट में उनके हवाले से कहा गया है, “सेवा विस्तार लोकतंत्र, कानून के शासन और लोगों के अधिकारों का नरसंहार हैं.” उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के लोगों को इसका विरोध करना होगा. अन्यथा, हमारी आने वाली पीढ़ियां कीड़े-मकोड़ों की तरह जीने को मजबूर हो जाएंगी."

चुनाव लड़ने पर भी है रोक
तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से ही इमरान खान जेल में बंद है. इसके साथ ही इलेक्शन कमीशन ने पांच साल चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. पूर्व पीएम इमरान खान ने तोशाखाना मामले में उन्हें मुजरिम ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले को अदालत में चुनौती दी. उन्होंने कहा था कि 'भ्रष्टाचार मामले में उन्हें दोषी ठहराने का निचली अदालत का फैसला जज का पक्षपातपूर्ण फैसला था. यह पूरी तरह से निष्पक्ष सुनवाई के मुंह पर तमाचा है. इसके साथ ही यह न्याय और उचित प्रक्रिया का मजाक उड़ाने जैसा है.'

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