Pakistan Communal Violence: पाकिस्तान के पंजाब में चेहल्लुम के जूलुस के दौरान दो समुदाय शिया और सुन्नी के बीच हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि 38 लोग घायल हैं. यह झड़प लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर मियांवाली जिले के कालाबाग टाउन में सोमवार शाम से शुरू हुआ और मंगलवार देर शाम तक जारी रहा.
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Pakistan News: पाकिस्तान के पंजाब प्रोविंस में एक घातक सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम दो शिया समुदाय के लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा अन्य घायल हो गए, जिसकी वजह से अफसरों को इलाके में काफी तादाद में अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. दरअसल, दो संप्रदायों (शिया और सुन्नी) के बीच हिंसा लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर मियांवाली जिले के कालाबाग टाउन में सोमवार शाम से शुरू हुआ और मंगलवार देर शाम तक जारी रहा. पैगम्बर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन से जुड़े चेहल्लुम के अवसर पर कालाबाग कस्बे में एक फिक्स्ड रूट से जुलूस निकालने को लेकर दोनों के बीच तनाव बढ़ गया.
एक सीनियर पुलिस अफसर ने बुधवार को बताया कि सुन्नियों ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि शियाओं को उस रास्ते से जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, जिस रास्ते में उनकी मस्जिदें हैं. हालांकि, शियाओं ने जोर देकर कहा कि वे किसी भी बैन की परवाह किए बिना शहर में जुलूस निकालेंगे. अफसर ने बताया कि शियाओं ने 'निश्चित मार्ग' पर ही जुलूस निकाला जिसकी वजह से सांप्रदायिक झड़प हुई.
उन्होंने कहा, "दोनों संप्रदायों के बीच गोलीबारी सोमवार शाम को शुरू हुई और मंगलवार देर रात तक चली. गोली लगने से घायल हुए करीब 33 लोगों को अस्पताल ले जाया गया जहां दो शिया शख्स की मौत हो, गई जबकि तीन से चार अन्य की हालत नाजुक है"
कैसे शुरू हुई दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ हथियारबंद सुन्नी समुदाय के लोगों ने पहले चेहल्लुम के जुलूस पर गोलीबारी की, जिसके चलते दोनों में झड़प शुरू हो गई. इस झड़प में मृतकों के अलावा ज्यादातर घायल शिया समुदाय के हैं. पुलिस अफसर ने आगे कहा कि इस घटना के पीछे शिया विरोधी प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-झांगवी (एलईजे) के लोग हो सकते हैं.
पंजाब के पुलिस IG ने दिया ये आदेश
वहीं, पंजाब के पुलिस IG डॉ. उस्मान अनवर घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मियांवाली जिले में चार लोगों के इकट्ठा होने पर बैन लगा दिया.घातक झड़प के बाद कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाकिस्तान रेंजर्स को इलाके में तैनात किया गया है. इसके अलावा शांति बनाए रखने के लिए सरकार के प्रयासों के तहत अलग-अलग विचारधाराओं के मौलाना ने भी जिले का दौरा किया.