ईरान के इस कदम से सऊदी-इजराइल के बीच खत्म होगा समझौता? जानें पूरा मामला
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ईरान के इस कदम से सऊदी-इजराइल के बीच खत्म होगा समझौता? जानें पूरा मामला

Saudi Arabia Israel Relations: इज़राइल और हमास के बीच 2021 के बाद यह सबसे बड़ा संघर्ष है.  खामेनेई ने 3 अक्टूबर को कहा था कि इज़राइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का लक्ष्य रखने वाले मुल्क एक बड़ा जोखिम उठा रहे हैं. 

ईरान के इस कदम से सऊदी-इजराइल के बीच खत्म होगा समझौता? जानें पूरा मामला

Saudi Arabia Israel Relations: हमास और इजराल युद्ध के बीच एक बड़ी खबर आ रही है. ईरान ने हमास का समर्थन किया है. इरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के शीर्ष सैन्य सलाहकार ने कहा है कि इरान इजरायल के खिलाफ हमास के हमलों का समर्थन करता है और "फिलिस्तीन और यरूशलेम की मुक्ति तक" इस्लामी लड़ाकों का समर्थन जारी रहेगा. 

पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के पूर्व कमांडर याह्या रहीम सफवी की टिप्पणी से यह शक पैदा होगा कि तेहरान ने सुनियोजित हमलों में अपने पारंपरिक सहयोगी हमास का समर्थन करने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई है. 

पोलिटिको ने बताया, रहीम सफ़वी और दूसरे वरिष्ठ ईरानी नीति निर्माताओं के हस्तक्षेप को ईरान के कॉम्पेटिटर सऊदी अरब के जरिए एक धमकी भरे सिग्नल के रूप में देखा जाएगा कि तेहरान रियाद को इज़राइल के साथ संबंधों को सामान्य करने से रोकने के लिए क्षेत्रीय संघर्ष को भड़काने के लिए तैयार है, जैसा कि अमेरिका चाहता है.

हाल के हफ्तों में, ईरान के लीडर्स ने इज़राइल और सऊदी अरब के बीच अमेरिका समर्थित प्रस्तावित समझौते का विरोध किया है. खामेनेई ने 3 अक्टूबर को कहा था कि इज़राइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का लक्ष्य रखने वाले मुल्क एक बड़ा जोखिम उठा रहे हैं. 

ईरान से जुड़ा एक दूसरे आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह भी हमास की हिंसा को सऊदी मेल-मिलाप से जोड़ता हुआ दिखाई दिया है. उसने एक बयान में कहा कि यह हमला "इज़राइल के निरंतर कब्जे के लिए एक निर्णायक प्रतिक्रिया और इज़राइल के साथ सामान्यीकरण चाहने वालों के लिए एक सिग्नल है."

वहीं हमले की शुरुआत, इज़राइल और हमास के बीच 2021 के बाद यह सबसे बड़ा संघर्ष है. पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, “यह घरती पर आखिरी कब्जे को समाप्त करने के लिए सबसे बड़ी लड़ाई है.” उन्होंने कहा कि इज़राइल पर 5,000 रॉकेट दागे गए है. मध्य पूर्व संस्थान के एक विद्वान जेसन ब्रोडस्की के मुताबिक, सितंबर में हमास और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडरों के बीच लेबनान में बैठकें हुईं थी. 

पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, "इसराइल पर हुए इस हमले के संगठन के बारे में कुछ सुराग मिलते हैं." इस रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन में मौजूद थिंक टैंक फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के रिसर्च के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोनाथन शेंजर ने कहा, "मेरा मानना है कि इसके पीछे ईरान का हाथ पाया जाएगा. "

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