Ex. IPS and AAP leader Bhaskar Rao joins BJP in Karnatka: कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले बेंगलुरु के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी भास्कर राव आप पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं.
Trending Photos
बेंगलुरुः कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले ही आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. सरकारी नौकरी छोड़कर आम आदमी ज्वॉइन करने वाले पूर्व आईपीएस भास्कर राव (EX IPS Bhaskar Rao) ने आप को गच्चा देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है. आप ज्वॉइन करने के महज 11 माह बाद भी राव ने आप से नाता तोड़कर भाजपा से अपना नाता जोड़ लिया है. इसे दिल्ली में आप के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की शराब नीति मामले में हुई गिरफ्तारी का असर भी बताया जा रहा है.
कर्नाटक में आप के प्रमुख चेहरा माने जाने वाले और बेंगलुरु के पूर्व पुलिस आयुक्त रह चुके भास्कर राव ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.
इसलिए छोड़ी आपः राव
भास्कर राव ने भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रमुख नलिन कुमार कटील की मौजूदगी में बुधवार को पार्टी में शामिल होने के बाद, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अफसर ने कहा, "सिर्फ भाजपा ही देश को मजबूत कर सकती है और उसकी खोई हुई गरिमा वापस लौटा सकती है.’’ राव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘एक भारत, समृद्ध भारत’ के निर्माण के लिए कोशिश कर रहे हैं और हम सभी को इसमें मदद के लिए हाथ मिलाना चाहिए. मैं भाजपा में युवाओं और महिलाओं को दी जा रही अहमियत से भी प्रभावित हूं.’’ वहीं, राव ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप पार्टी को एक मंडली द्वारा चलाया जाता है. यह शर्मनाक है कि आप के दो मंत्री इस वक्त जेल में हैं. पार्टी में कोई स्पष्टता नहीं है.
भाजपा ने किया फैसले का स्वागत
इस मौके पर कटील ने कहा, "भास्कर राव ने आप में एक साल का सियासी तजुर्बा हासिल करने के बाद भाजपा की विचारधारा और दर्शन को स्वीकार किया है. सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर राष्ट्रीय स्तर पर मोदी के नेतृत्व में और राज्य स्तर पर बोम्मई के नेतृत्व में पार्टी के कामकाज से प्रभावित हैं.’’
कौन हैं भास्कर राव ?
कर्नाटक-कैडर से संबंधित आईपीएस अफसर 11 माह पहले ही सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद आप में शामिल हुए थे. आप ने राव को हाल ही में कर्नाटक के लिए आप चुनाव घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष बनाया था. राव का यह इस्तीफा चार मार्च को अरविंद केजरीवाल के कर्नाटक के प्रस्तावित दावणगेरे दौरे से तीन दिन पहले आया है. वहीं, चुनाव से दो महीने पहले पार्टी के बड़े नेता का इस तरह इस्तीफा देकर सत्तारूढ़ दल में चले जाना आप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
Zee Salaam