ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सैक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि हमारा हमेशा यह मौकफ रहा है कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर या किसी हिंदू इबादतगाह को तोड़ कर नहीं बनाई गई.
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नई दिल्ली: आज यानी 5 अगस्त को एक तरफ जहां अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन होने से पूरे मुल्क की अवाम में खुशी है वहीं दूसरी जानिब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बड़ा बयान जारी कर दिया है. बोर्ड ने कहा है कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी. मस्जिद में मूर्तियां रख देने, पूजा पाठ शुरू कर देने या एक लंबे अर्से तक नमाज़ पर पाबंदी लगा देने से मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं हो जाती.
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सैक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि हमारा हमेशा यह मौकफ रहा है कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर या किसी हिंदू इबादतगाह को तोड़ कर नहीं बनाई गई.
#BabriMasjid was and will always be a Masjid. #HagiaSophia is a great example for us. Usurpation of the land by an unjust, oppressive, shameful and majority appeasing judgment can't change it's status. No need to be heartbroken. Situations don't last forever.#ItsPolitics pic.twitter.com/nTOig7Mjx6
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) August 4, 2020
मौलाना वली रहमानी ने कहा कि हालात चाहे जितने खराब हों हमें हौसला नहीं हारना चाहिए, मुखालिफ हालात में जीने का मिज़ाज बनाना चाहिए. मैं मुसलमानों से अपील करता हूं कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले और मस्जिद की ज़मान पर मंदिर की तामीर से हरगिज़ दिल बर्दाश्ता न हों, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि खाना-ए-काबा एक लंबे अर्से तक शिर्क और बिदअत परस्ती का मरकज़ रहा है. हमारी ज़िम्मेदारी है कि ऐसे नाज़ुक मौके पर अपनी गल्तियों से तौबा करें, इखलाक और किरदार को सवारें, घर और समाज को दीनदार बनाए और पूरे हौसले के साथ मुखालिफ हालात में आगे बढ़ने का फैसला करें.
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