Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2217145

SC on Child Care Leave: चाइल्ड केयर लीव पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सरकार को दिए आदेश

SC on Child Care Leave: सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड केयर लीव पर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सीसीएल के मामले में राज्य सरकार को एक बार फिर विचार करने के आदेश दिए हैं. पूरी खबर पढ़ें,

SC on Child Care Leave: चाइल्ड केयर लीव पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सरकार को दिए आदेश

SC on Child Care Leave: विकलांग बच्चों की माताओं के लिए चाइल्ड केयर लीव के महत्व को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वर्कफोर्स में महिलाओं की समान भागीदारी संवैधानिक कर्तव्य का मामला है. बार और बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि विकलांग बच्चों की माताओं को बाल देखभाल अवकाश (सीसीएल) से इनकार करना वर्कफोर्स में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित करने के इस संवैधानिक कर्तव्य का उल्लंघन होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने इस मुद्दे को "गंभीर" मानते हुए कहा, "कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी विशेषाधिकार का मामला नहीं है बल्कि एक संवैधानिक जरूरत है और एक मॉडल इंप्लोयर के तौर पर राज्य इससे अनजान नहीं रह सकता है."

केंद्र को बनाया जाए पक्षकार

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि केंद्र को मामले में पक्षकार बनाया जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में फैसला देने में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की सहायता मांगी है.

Add Zee News as a Preferred Source

क्या है मामला?

अदालत ने राज्य के अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश में भूगोल विभाग में सहायक प्रोफेसर याचिकाकर्ता महिला को सीसीएल देने की याचिका पर विचार करने का भी निर्देश दिया है. बता दें अदालत ने उस मामले में फैसला सुनाया है, जहां हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में एक कॉलेज में काम करने वाली एक असिस्टेंच प्रोफेसर को अपने बेटे की देखभाल के लिए छुट्टी देने से इनकार कर दिया गया था. उनका बच्चा जन्म से ही कुछ आनुवंशिक विकारों से पीड़ित है. 

सु्प्रीम कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने फैसला सुनाया,"हमारा विचार है कि याचिका चिंता का एक गंभीर मामला उठाती है. याचिकाकर्ता ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम को उठाया है. आयुक्त ने हलफनामे में संकेत दिया है कि सीसीएल की कोई नीति नहीं बनाई गई है. कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी है यह विशेषाधिकार का मामला नहीं बल्कि एक संवैधानिक आवश्यकता है और एक आदर्श नियोक्ता के रूप में राज्य इससे बेखबर नहीं रह सकता.''

प्रोफेसर ने अपनी सभी लीव का किया था इस्तेमाल

प्रोफेसर ने अपने बेटे के इलाज और सीसीएल के लिए प्रदान किए गए केंद्रीय सिविल सेवा नियमों के कारण स्वीकृत छुट्टियां समाप्त कर ली हैं. इस मामले ने राज्य सरकार को सीसीएल पर अपनी नीति को संशोधित करने का निर्देश दिया ताकि इसे विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुरूप बनाया जा सके.

सीजेआई ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाने का आदेश दिया है. मुख्य सचिव के अलावा महिला एवं बाल विकास और राज्य के समाज कल्याण विभाग के सचिव होंगे और इस कमेटी को 31 जुलाई तक सीसीएल के मुद्दे पर फैसला लेना होगा. सीजीआई ने कहा,"याचिका नीति के क्षेत्रों पर जोर देती है और राज्य की नीति के क्षेत्रों को संवैधानिक सुरक्षा उपायों के साथ समकालिक होना चाहिए. हम हिमाचल प्रदेश राज्य को उन माताओं के लिए आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम के अनुरूप सीसीएल पर पुनर्विचार करने का निर्देश देते हैं जो बच्चों  पालन-पोषण कर रही हैं.

About the Author
author img
Sami Siddiqui

समी सिद्दीकी उप्र के शामली जिले के निवासी हैं, और 6 से दिल्ली में पत्रकारिता कर रहे हैं. राजनीति, मिडिल ईस्ट की समस्या, देश में मुस्लिम माइनॉरिटी के मसले उनके प्रिय विषय हैं. इन से जुड़ी सटीक, सत्य ...और पढ़ें

TAGS

Trending news