आसान नहीं है Lata Mangeshkar होना; भाई-बहनों के लिए दी थी बड़ी कुर्बानी
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आसान नहीं है Lata Mangeshkar होना; भाई-बहनों के लिए दी थी बड़ी कुर्बानी

लता मंगेशकर एक ऐसी गायका थीं जिसे आने वाले पुश्ते भी याद रखेंगी. लता इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके गीत हमेशा अमर रहेंगे. आपको बता दें वह ना सिर्फ गायकी की दुनिया में अदभुद लेजेंड थी बल्कि रिश्तों को कैसे संभालना है यह भी वह बखूबी जानती थीं.

आसान नहीं है Lata Mangeshkar होना; भाई-बहनों के लिए दी थी बड़ी कुर्बानी

नई दिल्ली: भारतीय सिंगर्स की जब कभी भी बात आएगी तो एक नाम हमेशा याद रखा जाएगा. वह नाम है लता मंगशकर. भारत की स्वर कोकिला कही जाने वाली लता मंगेशकर का निधन होने भारत के लिए एक बड़ा नुकसान था. उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर कहते हैं कि एक युवा लड़की के तौर पर उन्होंने कामयाबी हासिल करने के लिए बहुत कुछ किया. लेकिन उन्होंने अपना सब कुछ अपने परिवार के लिए समर्पित कर दिया.

पिता की मृत्यु के बाद लता थीं परिवार की करता धर्ता

आपको बता दें  हृदयनाथ अपनी बहन उषा मंगेशकर के साथ म्यूजिकल शो 'नाम रह जाएगा' के टेलिकास्ट होने वाले ग्रैंड फिनाले में गेस्ट के तौर पर मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि लता दीदी को अपनी जिंदगी में काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ा था. इतनी कम उम्र में उन्हें गाना गा कर पैसा कमाना था और हमारा ख्याल भी रखना था.

हृदयनाथ बताते हैं कि उनके पिता के पास एक कार थी, स्टूडियो कंपनी और हम लोग अच्छे दौर से गुजर रहे थे. लेकिन पिता की मृत्यु के बाद सब अलग हो गए. लेकिन दीदी की कोशिशों के कारण ही वह उठ पाए.

क्या बोले शंकर महादेवन

लता मंगेशकर को याद करत हुए शंकर महादेवन कहते हैं-  "हमारे फिल्म उद्योग में एक अलग आवाज है, और अगर किसी को इसे एक शब्द में कहने की ज़रूरत है, तो इसे 'लता मंगेशकर' कहा जाता है. यही वजह है कि वह सही मायने में हमारे देश की लेजेंड है."

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