APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: कलाम ने अपनी प्रोफेशनल लाइफ में कितनी छुट्टियां लीं?
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APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: कलाम ने अपनी प्रोफेशनल लाइफ में कितनी छुट्टियां लीं?

बताया जाता है कि एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) ने अपने पूरी प्रोफेशनल जिंदगी में केवल दो छुट्टियां लीं. एक अपने पिता की मौत के वक्त और दूसरी अपनी मां की मौत के वक्त.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) की यौम ए पैदाइश है. कलाम की पैदाइश को विश्व छात्र दिवस (World Students Day) के तौर पर भी मनाया जाता है. अपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम (अवुल पकिर जैनुलबदीन (एपीजे) अब्दुल कलाम) है.

राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न मिला 
डॉ कलाम एक महान शिक्षक, प्रख्यात वैज्ञानिक और महान राजनेता थे. आम लोगों, विशेष रूप से युवाओं के करीब होने की वजह से उन्हें प्यार से 'जनता का राष्ट्रपति' कहा जाता है. वह भारत के 11वें राष्टपति थे. एपीजे अब्दुल कलाम को साल 1997 में भारत रत्न मिला. साल 2002 में अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए. वह साल 1992 से 1999 तक रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों का साथ मिला
अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था. इन्होंने फिजिक्स और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) की पढ़ाई तमिलनाडु से की थी. कलाम ने अपनी जिंदगी के चार दशक डीआरडीओ (DRDO) और इसरो में वैज्ञानिक के रूप में बिताए. अब्दुल कलाम बेहद सादे व्यक्ति थे. अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) को राष्ट्रपति बनाने के लिए केन्द्र में सत्ता पर काबिज बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी दोनो का ही सपोर्ट मिला था.

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बॉलीवुड फिल्म भी बनी
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के लिए तैयार किए जाने वाले स्पेस प्रोग्राम (Space Program) और मिलिट्री मिसाइल डेवलपमेंट (Military Missile Development) से जुड़े थे. इसीलिए कलाम को मिसाइल मैन (Missile Man) भी कहा जाता है. 1998 में पोखरण में किए गए भारत के परमाणु परीक्षण में अब्दुल कलाम की मुख्य भूमिका रही थी. इस पर बॉलिवुड में परमाणु (Parmanu) नाम से एक फिल्म भी बन चुकी है.

राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होते ही शिक्षण कार्य शुरू किया 
कलाम की सादा जिंदगी लोगों के लिए मिसाल है. राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद, डॉ कलाम अगले ही दिन शिक्षण के लिए वापस चले गए. 27 जुलाई 2015 को 83 साल की उम्र में निधन होने तक देश की सेवा की थी.

जिंदगी में महज दो छु्ट्टियां लीं
बताया जाता है कि एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) ने अपने पूरी प्रोफेशनल जिंदगी में केवल दो छुट्टियां लीं. एक अपने पिता की मौत के वक्त और दूसरी अपनी मां की मौत के वक्त. 

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