Arvind Kejriwal SC: सुप्रीम कोर्ट में आज अरविंद केजरीवाल की रिमांड के खिलाफ याचिका पर सुनवाई होने वाली है. इससे पहले हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था और गिरफ्तारी को सही ठहराया था.
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Arvind Kejriwal SC: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक याचिका पर सुनवाई करने वाला है. यह याचिका शराब घोटाले मामले में उनकी रिमांड को चुनौती देने के लिए है, जिसकी सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच करने वाली है. इससे पहले 9 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी रिमांड के खिलाफ याचिका को रद्द कर दिया था. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अरविंद केजरीवाल की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली है.
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुताबिक, जांच एजेंसी के पास गिरफ्तारी को सही ठहराने के लिए पर्याप्त सामग्री थी, और कहा कि यह ईडी के साथ "उनके असहयोग का अपरिहार्य परिणाम" था. गौरतलब है कि जांच एजेंसी ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल को नौ बार तलब किया था, लेकिन वह उसके सामने पेश नहीं हुए.
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की एकल-न्यायाधीश पीठ के 103 पेज के फैसले में यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का समय चुनने के लिए केंद्रीय एजेंसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. आप नेता को अब रद्द हो चुकी दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और पिछली सुनवाई में उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. सीएम अरविंद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.
अरविंद केजरीवाल के अलावा आप नेता मनीष सिसोदिया भी उत्पाद नीति मामले में पिछले साल फरवरी से जेल में हैं. इस मामले में संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था, हालांकि वह हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं.
सीबीआई और ईडी के मुताबिक, AAP नेताओं ने राजनेताओं और शराब व्यवसायियों के एक समूह से उत्पाद शुल्क नीति के तहत लाइसेंस देने के लिए रिश्वत के रूप में 100 करोड़ रुपये स्वीकार किए थे. केंद्रीय एजेंसियों ने अपने आरोपपत्र में यह भी कहा कि कथित अनियमितताओं में कुछ 'साउथ ग्रुप' की संलिप्तता थी. आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल के नाम का भी उल्लेख किया गया था क्योंकि इसमें कहा गया था कि उत्पाद शुल्क नीति मामले के सभी आरोपी कथित तौर पर उत्पाद शुल्क नीति तैयार करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री के संपर्क में थे, जिसकी वजह से उन्हें अनुचित लाभ हुआ.