क्या भांग है मादक पदार्थ, इसे रखने से होगी जेल? जानें, क्या कहता है NDPS कानून
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क्या भांग है मादक पदार्थ, इसे रखने से होगी जेल? जानें, क्या कहता है NDPS कानून


Bhang is not prohibited Substances: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भांग रखने के एक आरोपी को जमानत देते हुए कहा है कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत भांग निषिद्ध पदार्थ नहीं है, इसलिए एनडीपीएस की धाराएं इस मामले में नहीं लगाई जा सकती है. 

भांग का पौधा

बेंगलुरुः देश के कई राज्यों में भांग खाना या पीना बेहद आम है. इसके पौधे भी अपने आप सड़कों के किनारे पैदा हो जाते हैं. कई मौकों पर लोग इसका खुलेआम सेवन करते हैं. अक्सर होली के मौके पर भांग मिली ठंडई का लोग इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, पुलिस किसी को भी भांग रखने, खाने-पीने या इसका किसी प्रकार से सेवन करने के लिए पकड़ लेती है और उसपर एनडीपीएस की धारा लगाकर जेल भी भेज दिया जाता है. लेकिन क्या भांग का एनडीपीएस एक्ट में जिक्र किया गया है, अगर नहीं तो पुलिस इस मामले में एनडीपीएस की धाराएं आरोपी पर क्यों लगाती है ? 

आरोपी को दी जमानत 
एक ताजा मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट हाईकोर्ट ने भांग रखने के जुर्म में पकड़े गए एक आरोपी जमानत देते हुए कहा है कि भाग मादक पदार्थ की श्रेणी में नहीं आता है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) एक्ट के तहत ‘भांग’ को निषिद्ध मादक पदार्थ या पेय पदार्थ घोषित नहीं किया गया है. इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने उस शख्स को जमानत दे दी है, जिसे भांग रखने के इल्जाम में शहर से गिरफ्तार किया गया था. बेगुर पुलिस ने एक जून को बिहार के रहने वाले रौशन कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया था, और उसके पास से भांग और 400 ग्राम गांजा बरामद किया था.

‘‘एनडीपीएस एक्ट में भांग का जिक्र नहीं’’ 
मिश्रा की जमानत याचिका एक निचली अदालत ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाल ही में न्यायमूर्ति के. नटराजन ने उसे जमानत दे दी. हाईकोर्ट ने कहा, ‘‘इस कोर्ट के सामने ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि भांग या तो चरस या गांजा या गांजा के पत्तों से तैयार की जाती है.’’ अदालत ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के तहत, गांजा के पत्तों और बीज को भी गांजा की परिभाषा से बाहर रखा गया है और ‘‘एनडीपीएस एक्ट में कहीं भी भांग को निषिद्ध पेय या निषिद्ध पदार्थ के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है.’’ 

सरकारी वकील की दलील खारिज 
मिश्रा के वकील एस. मनोज कुमार ने कोर्ट में दलील दी कि ‘‘भांग एक पेय पदार्थ है, जो आमतौर पर उत्तर भारत में लस्सी की दुकानों में बेचा जाता है. यह एक निषेधात्मक पदार्थ नहीं है. उक्त पेय का उपयोग शिवरात्रि त्योहार के दौरान भी किया जाता है और यह प्रतिबंधित पेय पदार्थ नहीं है, और न ही एनडीपीएस एक्ट के तहत आता है.’’ हालांकि, सरकारी वकील ने दलील दी कि भांग, गांजा के पत्तों से तैयार किया जाता है, और इसलिए यह गांजा की परिभाषा के तहत आता है. 

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