जाति जनगणना के बाद बिहार सरकार का बड़ा फैसला; EWS को जुडिशल सर्विस में आरक्षण
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1898736

जाति जनगणना के बाद बिहार सरकार का बड़ा फैसला; EWS को जुडिशल सर्विस में आरक्षण

Bihar News: बिहार सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है. सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें. 

जाति जनगणना के बाद बिहार सरकार का बड़ा फैसला; EWS को जुडिशल सर्विस में आरक्षण

Bihar News: बिहार से इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है. सरकार ने आज यानी 3 अक्टूबर को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है. इसके तहत राज्य के न्यायिक सेवाओं और प्रदेश संचालित लॉ कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में आरक्षण का लाभ मिलेगा. सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है.

बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने कहा, "कैबिनेट ने प्रदेश न्यायिक सेवा, 1951 के दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है, जिससे न्यायिक सेवाओं और प्रदेश संचालित लॉ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में EWS श्रेणी के लिए 10 फीसदी आरक्षण की अनुमति मिल गई." उन्होंने कहा कि पूरी जानकारी के साथ एक अधिसूचना जल्द ही संबंधित विभाग के जरिए जारी की जाएगी.

बनेगा 100 अस्पताल
बिहार सरकार ने राज्य में 100 पशु अस्पताल बनवाने की मंजूरी दे दी है. 17 जिलों में 225 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसकी जानकारी देते बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा, "कैबिनेट ने राज्य में 100 पशु अस्पताल बनवाने की भी मंजूरी दे दी है. राज्य के मुख्तलिफ जिलों में कुल 100 पहले श्रेणी पशु चिकित्सालय बनाए जाएंगे, इसके साथ ही इन सभी अस्पतालों में ट्रेनिंग केंद्र भी खोले जाएंगे. इसके लिए 17 जिलों में 225 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे."

इन पदों पर होगी बहाली
इसके साथ ही उपभोक्ता मामलों के विभाग से संबंधित मामलों को संभालने के लिए 30 क्लर्कों की बहाली होगी. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा, "राज्य कैबिनेट ने उपभोक्ता मामलों के विभाग से संबंधित मामलों को संभालने के लिए क्लर्कों के 30 अतिरिक्त पदों पर बहाली को भी मंजूरी दे दी है.

भष्ट्र अधिकारी पर एक्शन
नीतीश कैबिनेट ने नरकटियागंज के तत्कालीन ग्रामीण विकास पदाधिकारी राघवेंद्र त्रिपाठी को भरष्टाचार के इल्जाम में Forced Retirement देने का फैसला किया है. उनके पास प्रखंड विकास पदाधिकारी का सह प्रभार भी और उनके खिलाफ पद का दुरुपयोग करने का इल्जाम लगा था. मामले की शिकायत के बाद विभागीय जांच की गई थी, जिसमें वे मुजरिम पाए गए.

Zee Salaam

Trending news