Budget 2021-22: सरकार के पास कहां से आता है इतना पैसा, जानिए आसान भाषा में
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Budget 2021-22: सरकार के पास कहां से आता है इतना पैसा, जानिए आसान भाषा में

आज देश का आम बजट पेश होने जा रहा है. देशवासियों की बहुत सी उम्मीदें बजट 2021-22 से जुड़ी हुई हैं. कोरोना के चलते देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है.

Budget 2021-22: सरकार के पास कहां से आता है इतना पैसा, जानिए आसान भाषा में

नई दिल्ली: आज देश का आम बजट पेश होने जा रहा है. देशवासियों की बहुत सी उम्मीदें बजट 2021-22 से जुड़ी हुई हैं. कोरोना के चलते देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार का बजट पिछले सालों के मुकाबिले कुछ अलग हो सकता है. 

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खुद वित्त मंत्री ने कहा है कि कोरोना की वजह से 2021-22 का बजच पिछले 100 सालों की तुलना में पूरी तरीके से अलग होगा. इसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि इस बार आय और व्यय में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं. 

वहीं अगर पिछले साल की बात करें तो करीब 30 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था. इस रकम को सुनकर हर कोई हैरान रह जाता होगा और सोचता होगी कि यह इतनी बड़ी रकम आती कहां से है. तो आज हम आपको बताएंगे कि यह पैसा कहां से आता है. 

सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स और रेवेन्यू से मिलता है. इसके अलावा आमदनी के और क्या ज़रिए हैं. पढ़िए. आसान भाषा में समझने के लिए हम उदाहरण के लिए 100 रुपये की बात करते हैं. सरकार को हर 100 रुपये की आमदनी में इन जरियों से पैसे मिलते हैं-
उधार और अन्य देयताएं (Lending and Other Liabilities)- 30 रुपये
➤ निगम कर (Corporation tax)- 18 रुपये
➤ इनकम टैक्स- 17 रुपये
➤ सीमा शुल्क (Custom duty)- 4 रुपये
➤ केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central excise)- 7 रुपये
➤ जीएसटी एवं अन्य कर (GST and other taxes)- 18 रुपये
➤ विभिन्न राजस्व कर (Various revenue taxes)- 10 रुपये
➤ कर्ज के इतर कैपिटल इनकम (Capital income other than debt)- 6 रुपये

अब सरकार इसी राशि को देश के विभिन्न विभागों को लोक कल्याण के लिए आवंटित करती है. बड़े-बड़े अर्थशास्त्रियों की मदद ले कर एक प्लान तैयार किया जाता है. किस सेक्टर या किस मंत्रालय को कितने पैसे की जरूरत है और उन्हें कितना फंड मिलना चाहिए यह तय करने के बाद सरकार ऐसे राशि खर्च करती है-

उदाहरण के तौर पर हर 100 रुपये का व्यय इस प्रकार है-
➤ ब्याज अदायगी (Interest payment)- 18 रुपये
➤ केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं (Central sector schemes)- 13 रुपये
➤ वित्त आयोग और अन्य अंतरण (Finance Commission and other transfers)- 10 रुपये
➤ करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा (States' share in taxes and duties)- 20 रुपये
➤ केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं (Centrally sponsored schemes)- 9 रुपये
➤ आर्थिक सहायता (Subsidies)- 6 रुपये
➤ रक्षा (Defence)- 8 रुपये
➤ पेंशन (Pension)- 6 रुपये
➤ अन्य व्यय (Other expenses)- 10 रुपये

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