नई भर्ती प्रक्रिया के तहत सेना में नौकरी की चाहत रखने वाले उम्मीदवारों सेना की भर्ती वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना लाजिमी होगा.
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नई दिल्लीः एक तरफ जहां सरकार के अग्निपथ स्कीम का देश भर में विरोध जारी है, वहीं सेना ने इन विरोध-प्रदर्शनों को दरकिनार करते हुए अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के तहत सोमवार को भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. नई भर्ती प्रक्रिया के तहत सेना में नौकरी की चाहत रखने वाले उम्मीदवारों सेना की भर्ती वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना लाजिमी होगा. यह प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी. ’अग्निवीर’ के लिए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत किसी भी बाहरी व्यक्ति या स्रोत को चार साल की सेवा अवधि के दौरान सेना से संबिधित किसी भी जानकारी का खुलासा करने पर रोक रहेगी.
भर्ती के लिए 17 से 23 उम्र वर्ग के युवा होंगे पात्र
14 जून को वजूद में आए इस अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की उम्र के बीच के नौजवानों को सिर्फ चार साल के लिए भर्ती करने की व्यवस्था है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक सेवा विस्तार दिण् जाने का प्रावधान है. हालांकि, सरकार ने बाद में, 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी है.
सेना से अलग होंगे इनके प्रतीक चिन्ह
नई योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को ‘अग्निवीर’ के तौर पर जाना जाएगा. नई भर्तियां सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के तहत होंगी और ये अग्निवीर जमीन, समुद्र या हवा में जहां कहीं भी हुक्म दिया जाएगा, वहां जाने के लिए बाध्य होंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि अग्निवीर को अपनी सेवा अवधि के दौरान अपनी वर्दी पर एक ‘‘विशिष्ट प्रतीक चिन्ह’’ लगाना होगा और इस पर विस्तृत निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे.
चार साल के बाद नियमित करने का नहीं कर सकते हैं दावा
संगठनात्मक जरूरतों और नीतियों के आधार पर ‘अग्निवीर’ को सभी बैच में उनकी सेवा की मियाद पूरी होने पर नियमित कैडर में नामांकन के लिए आवेदन करने का मौका दिया जाएगा. अग्निवीरों के प्रत्येक विशिष्ट बैच के 25 प्रतिशत से अधिक को चार साल सेवा की अवधि पूरी होने के बाद नियमित कैडर में शामिल नहीं किया जाएगा. हालांकि, नियमित कैडर के तौर पर नामांकित अग्निवीरों को 15 साल की एक और अवधि के लिए सेवा देना जरूरी होगा और वे, वर्तमान में प्रचलित सेवा के नियम और शर्तों (जूनियर कमीशंड अधिकारी/अन्य रैंक के) द्वारा शासित होंगे.
बीच में नौकरी नहीं छोड़ सकते हैं अग्निवीर
इस योजना के शुरू होने से चिकित्सा शाखा के तकनीकी काडर को छोड़कर भारतीय सेना के नियमित काडर में सैनिकों की भर्ती सिर्फ उन कर्मियों के लिए होगी, जिन्होंने अग्निवीर के रूप में अपनी सेवा की मियाद पूरी कर ली है. सेवा की शर्तों को पूरा करने से पहले अनुरोध पर किसी अग्निवीर की सेवा से मुक्ति की इजाजत नहीं होगी. हालांकि, सबसे दुर्लभ मामलों में अगर सक्षम प्राधिकारी द्वारा मंजूरी दी जाती है तो इस योजना के तहत लिए गए कर्मियों को सेवामुक्त किया जा सकता है.
साल में 30 दिन की मिलेगी छुट्टी
दस्तावेज के मुताबिक, 18 वर्ष से कम आयु के कर्मियों के लिए, नामांकन फॉर्म पर माता-पिता या अभिभावकों के हस्ताक्षर की जरूरत होगी. ‘अग्निवीर’ नियमित सेवा करने वालों के लिए 90 दिनों के छुट्टी की तुलना में साल में 30 दिनों की छुट्टी के लिए पात्र होंगे. मेडिकल आधार पर चिकित्सा अवकाश प्रदान किया जाएगा. सेना ने कहा कि अग्निवीरों के मासिक वेतन का 30 फीसदी हिस्सा लाजिमी तोर पर एक कोष में जमा किया जाएगा और उतनी ही राशि का योगदान सरकार करेगी.
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