बिहार के मुजफ्फरपुर में गर्मी का मौसम बच्चों के लिए निहायत की खतरनाक साबिता होता है. जनवरी से अब तक इस बीमारी के 22 मरीज़ सामने आए हैं.
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मुजफ्फरपुर: बिहार में कोरोना की लहर कम हुई तो चमकी बुखार ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. मुजफ्फरपुर में अबतक 22 मामले सामने आ चुके हैं और चार बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं चार बच्चों की मौत के बाद इंतिज़ामिया मुकम्मल तौर पर अलर्ट पर है. राहत की बात ये है कि जिले में हीट वेव की हालत फिलहाल नहीं बनी है. माना जा रहा है कि मौसम की हरारत बढ़ी तो इस बार चमकी बुखार अपना रंग दिखाएगा.
बिहार के मुजफ्फरपुर में गर्मी का मौसम बच्चों के लिए निहायत की खतरनाक साबिता होता है. जनवरी से अब तक इस बीमारी के 22 मरीज सामने आए हैं और अब तक 4 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से दावा किया जा रहा है कि इस मर्ज़ से निपटने के लिए इस बार खास इंतजामात किए गए हैं.
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मुजफ्फरपुर और आसपास का जिला इस मर्ज़ से होता है मुतासिर
मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में रहने वाले लोग हालिया दिनों चमकी बुखार की वजह से दहशत में हैं. कोरोना और चमकी बुखार से निपटने के लिए खास इंतज़ामात किए जा रहे हैं. एसकेएमसीएच में कोरोना इंफेक्शन बच्चों के इलाज के लिए खास वार्ड बनाया जा रहा है. ऑक्सीजन और दवा भंडारण का पुख्ता इंतज़ाम किया जा रहा है.
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गौरतलब है कि साल 2019 में इस मोज़ी मर्ज़ से 200 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. तब मरकज़ी वज़ीरे सेहत हर्षवर्धन भी मुजफ्फरपुर आए थे. रिपोर्ट के मुताबिक इन दो सालों में हेल्थ डिपार्टमेंट ने बड़ी तैयारियां की हैं. बिहार के वज़ीरे सेहत भी चमकी बुखार से इस साल निपटने की तैयारियों का दावा कर रहे हैं.
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