मस्जिदों को सैनिटाइज़र से किया जा सकता है सैनिटाइज़, दारुल उलूम देवबंद ने जारी किया फतवा
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मस्जिदों को सैनिटाइज़र से किया जा सकता है सैनिटाइज़, दारुल उलूम देवबंद ने जारी किया फतवा

जारी फतवे में कहा गया है कि मस्जिदों की दीवारों को फर्श को सेनीटाइज किया जा सकता है. वज़ू के भी हाथों को सैनिटाइज़ किया जा सकता है. क्योंकि सैनिटाइज़र दो किस्म के होते हैं

फाइल फोटो

देवबंद: इस्लामिक इदारा दारुल उलूम देवबंद आए दिन अपने फतवों को लेकर सुर्खियों में रहता है. इस बार भी दारुल उलूम देवबंद ने मस्जिदों को सैनिटाइज कराने और वज़ू के बाद हाथों को सैनिटाइज़र से सैनिटाइज़ करने को लेकर फतवा जारी किया है. हालांकि कल ही सहारनपुर, बरेली और अमरोहा के उलेमाओं ने सेनिटाइज़र को हराम बताते हुए मस्जिद में इस्तेमाल करने से इंकार किया है. उनका कहना था कि सेनिटाइज़र हराम है. हालांकि दारुल उलूम ने इससे अलग दूसरे मसले पर फतवा जारी किया है. 

दारुल उलूम देवबंद के दारुल इफ्ता से नूर मोहम्मद क़ासमी बेंगलुरु, कर्नाटक के रहने वाले शख्स ने फतवा मांगा था जिसमें दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता मेहकमा के मुफ्तिया-ए-किराम ने शरीयत के हवाले से फतवा जारी करते हुए कहा है कि मस्जिदों को सैनिटाइज़ किया जा सकता है. नूर मोहम्मद कासमी ने दारुल उलूम देवबंद से 5 मौज़ूआत पर फतवा मांगा था जिसका जवाब दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता मेहकमा ने फतवा जारी करते हुए दिया है.

जारी फतवे में कहा गया है कि मस्जिदों की दीवारों को फर्श को सेनीटाइज किया जा सकता है. वज़ू के भी हाथों को सैनिटाइज़ किया जा सकता है. क्योंकि सैनिटाइज़र दो किस्म के होते हैं कुछ सैनिटाइज़र ऐसे भी होते हैं जिनमें अल्कोहल की मिकदार ज्यादा होती है और अल्कोहल की मिकदार के साथ-साथ उनमें खुशबू भी होती है जिससे बदन पर या जिस्म के कपड़ों पर जब हम सैनिटाइज़ करते हैं तो अल्कोहल उड़ जाता है और खुशबू रह जाती है इसलिए यह हराम नहीं है, वहीं मास्क लगाकर नमाज अदा करने का भी हुकुम है. दरअसल, आम हालात में मास्क लगाकर नमाज पढ़ना मकरुह है लेकिन मुल्क में कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी के चलते मास्क लगाकर नमाज़ अदा की जा सकती है.

एक सवाल के जवाब में दारूल उलूम देवबंद ने कहा कि जिन मस्जिद-मोहल्लों में इमाम के साथ पांच वक्त की नमाज़ होती है, वहां दूसरी जमात नहीं की जा सकती. वहां पर दूसरी जमात के साथ नमाज़ अदा करना या दूसरी जमात करना मस्जिद में यह मकरूह है, चाहे दूसरी नमाज़ अज़ान व इकामा या मेहराब वगैरा हो तो वह भी मकरुह होता है. मुफ्तियों के मुताबिक एक वक्त में एक ही जमात की जा सकती है.

दारुल उलूम देवबंद के मीडिया तरजुमान मौलाना अशरफ उस्मानी ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते मस्जिदों को खोला जा रहा है तो उनको सैनिटाइज़ करने का मसला पेश है उसके लिए दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवा जारी किया है क्योंकि बाजार में अब तरह-तरह के बने हुए सैनिटाइजर मार्केट में आ रहे हैं कुछ सैनिटाइजर बाजारों में वेजिटेबल से बने हुए भी आ रहे हैं जिनमें अल्कोहल भी पड़ता है और वह आमतौर पर सैनिटाइज़र अल्कोहल से ही बना हुआ होता है अब उसके ज़रिए मजबूरी की सूरत में मस्जिद को सैनिटाइज़ किया जा सकता है और वजू के बाद उससे हाथ भी सैनिटाइज़ किए जा सकते हैं फर्श भी सेनीटाइज किया जा सकता है साथ ही साथ दीवारों को भी सैनिटाइज़ किया जा सकता हैं उसमें फिलहाल कोई हर्ज नहीं है क्योंकि यह मजबूरी फिलहाल लाइएज है.

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