Azharuddin ED: पूर्व क्रिकेटर अज़हरुद्दीन से ईडी ने क्यों की पूछताछ? जानें पूरा मामला
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Azharuddin ED: पूर्व क्रिकेटर अज़हरुद्दीन से ईडी ने क्यों की पूछताछ? जानें पूरा मामला

Azharuddin ED: अज़हरुद्दीन से ईडी ने करीब 9 घंटे पूछताछ की है. आखिर किस मामले में उनसे यह पूछताछ की है और क्या पूरा मामला है. आइये जानते हैं पूरी डिटेल

Azharuddin ED: पूर्व क्रिकेटर अज़हरुद्दीन से ईडी ने क्यों की पूछताछ? जानें पूरा मामला

Azharuddin ED: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन से ईडी ने पूछताछ की है. उनसे यह पूछताछ हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में कथित फाइनेंशियल अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है.

9 घंटे चली पूछताछ

अज़हरुद्दीन से यह पूछताछ नौ घंटे से ज्यादा वक्त तक चली थी. शुरुआत में 61 साल के पूर्व सांसद को 3 अक्टूबर को ईडी के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने नई तारीख की मांग करते हुए आगे की तारीख देने की गुज़ारिश की थी. जिसकी वजह से, एजेंसी ने बाद में उन्हें 8 अक्टूबर को पेश होने के लिए नया समन जारी किया था.

ईडी ने रिकॉर्ड किया उनका स्टेटमेंट

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के मुताबिक ईडी ने उनका बयान दर्ज कर लिया है. सफेद कुर्ता-पायजामा पहने अजहरुद्दीन सुबह करीब 11 बजे फतेह मैदान रोड स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे और रात 9 बजे के बाद वहां से निकले.

इसके बाद पूर्व क्रिकेटर ने कहा,"जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार, तुच्छ और दुर्भावनापूर्ण इरादे से लगाए गए हैं. इसके अलावा मुझे और कुछ नहीं कहना है. मैं डिटेल में नहीं जाना चाहता..."

क्या है पूरा मामला?

जांच हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर केंद्रित है. इन अनियमितताओं से संबंधित तलाशी पिछले साल नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जरिए की गई थी. एजेंसी एचसीए अध्यक्ष के तौर पर अज़हरुद्दीन के कामकाज की जांच कर रही है. पिछले साल, पूर्व भारतीय कप्तान ने तेलंगाना विधानसभा की सीट के लिए चुनाव लड़ा था, लेकिन सफल नहीं हो पाए थे.

अज़हरुद्दीन ने पहले कही थी ये बात

पिछले साल तेलंगाना पुलिस के जरिए कथित अनियमितताओं के संबंध में मामला दर्ज किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ आरोप झूठे थे, उन्होंने दावा किया कि ये उनके विरोधियों के जरिए उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए महज एक चाल थी.

मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला तेलंगाना एंटी करप्शन ब्यूरो के जरिए एचसीए से लगभग 20 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के मामले में दर्ज तीन एफआईआर और आरोपपत्र से पैदा हुआ था.

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