Lal Krishna Advani: बीजेपी लीडर लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Lal Krishna Advani: पूर्व उप प्रधानमंत्री और बीजेपी लीडर लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा, "उन्हें ये साझा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा.
I am very happy to share that Shri LK Advani Ji will be conferred the Bharat Ratna. I also spoke to him and congratulated him on being conferred this honour. One of the most respected statesmen of our times, his contribution to the development of India is monumental. His is a… pic.twitter.com/Ya78qjJbPK
— Narendra Modi (@narendramodi) February 3, 2024
उन्होंने आगे लिखा, "मैंने उनसे बात की और उन्हें बधाई दी. आडवाणी जी हमारे वक्त के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं और इंडिया के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने जमीनी स्तर पर काम करने से शुरुआत की और मुल्क के उप प्रधानमंत्री तक बने. उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई.
लाल कृष्ण आडवानी भारत रत्न पाने वाले 50वें शख़्स हैं. वहीं, 23 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था. वहीं, केंद्र सरकार किसी एक साल में अधिकतम तीन लोगों को भारत रत्न का सम्मान दे सकती है.
ख्याल रहे कि लालकृष्ण आडवाणी एकमात्र ऐसे लीडर रहे हैं, जो साल 1980 में बीजेपी के गठन के बाद से ही सबसे ज्यादा वक्त तक पार्टी में अध्यक्ष पद पर बने रहे हैं. आडवाणी पहली बार वह साल 1986 से 1990 तक अध्यक्ष पद पर रहे और उसके बाद 1993 से 1998 और फिर 2004 से 2005 तक पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहें. उन्होंने बतौर सांसद 3 दशक की लंबी पारी खेलने के बाद लालकृष्ण आडवाणी पहले केंद्रीय गृह मंत्री रहे, इसके बाद में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनट में (1999-2004) डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बने थे.
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को मौजूदा पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल में हुई थी. साल 1947 में देश का विभाजन हुआ. इसी वक्त आडवानी अपने घर को छोड़कर भारत रवाना हो गए थे.