केजरीवाल के घर के बाहर गेस्ट टीचर्स का धरना, सिद्धू भी हुए शामिल; CM को दी चुनौती
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केजरीवाल के घर के बाहर गेस्ट टीचर्स का धरना, सिद्धू भी हुए शामिल; CM को दी चुनौती

नवजोत सिंह सिद्धू को इस कदम को पलटवार माना जा रहा है. कांग्रेस अब दिल्ली के गेस्ट टीचरों के धरने में शामिल होकर अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में ही घेरने की कोशिश कर रही है.

केजरीवाल के घर के बाहर गेस्ट टीचर्स का धरना, सिद्धू भी हुए शामिल; CM को दी चुनौती

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के गेस्ट टीचर पर्मानेंट नौकरी की मांग को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहें हैं. गेस्ट टीचरों का साथ देने के लिए पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी धरने में शामिल हो गए और उनकी मांग की मिमायत की. उसके बाद सिद्धू ने कई ट्वीट कर दिल्ली के तालीमी मॉडल की  तंकीद और केजरीवाल हुकूमत पर जमकर हमला बोला.

अब नवजोत सिंह सिद्धू को इस कदम को पलटवार माना जा रहा है. कांग्रेस अब दिल्ली के गेस्ट टीचरों के धरने में शामिल होकर अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में ही घेरने की कोशिश कर रही है. नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी है कि अगर दम है तो उनके सवालों के जवाब दें.

इस मौके पर मीडिया को मुखातब करते हुए सिद्धू ने कहा कि दिल्ली में 22,000 गेस्ट टीचर मजदूर के तौर पर काम कर रहे हैं. केजरीवाल को चाहिए कि वह पहले अपने राज्य को मुद्दे को हल करे, फिर पंजाब में लोगों को लुभाने की कोशिश करे. इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने पिछले महीने पंजाब के मोहाली में कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए केजरीवाल की खिंचाई की और सलाह दी वह वह पहले अपने राज्य के मामले को हल करे.

पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, '''आप' ने संविदा शिक्षकों को स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन देने का वादा किया था, लेकिन गेस्ट टीचरों के होने से सूरते हाल और खराब हो गई. स्कूल प्रबंधन समितियों (SMC) के जरिए से, तथाकथित 'आप' वॉलंटियर्स सरकारी फंड से सालाना 5 लाख कमाते हैं, जो पहले स्कूल के विकास के लिए थे!'

क्या है मामला
दरअसल, 27 नवंबर को, केजरीवाल पंजाब के मोहाली में कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे, जो कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स की सेवाओं को नियमित करने सहित कई मांगों को लेकर दबाव बना रहे हैं. केजरीवाल ने शिक्षकों के लिए तबादला नीति लागू करने का भी वादा किया था और पार्टी के हुकूमत में आने पर उन्हें कैशलेस मेडिकल सुविधा का भी यकीन दिलाया था.

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