Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी सर्वे मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आ गया है. हाई कोर्ट ने गुरूवार को वाराणसी अदालत के आदेश को बरकरार रखा है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्कॉल करें.
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Gyanvapi Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने गुरुवार को वाराणसी अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा है. जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने की अनुमति दी गई थी. हाई कोर्ट (High Court) ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि सर्वे तुरंत फिर से शुरू हो सकता है.
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ASI "सर्वे न्याय हित में जरूरी है और इसे कुछ शर्तों के तहत किया जाना जरूरी है." ज्ञानवापी सर्वे (Gyanvapi Survey) मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने ANI को बताया, "इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर का ASI का सर्वे शुरू हो सकता है. हाई कोर्ट ने सत्र अदालत के आदेश को बरकरार रखा है."
अदालत ने 27 जुलाई को ASI सर्वे के खिलाफ एक याचिका पर अपना फैसला 3 अगस्त तक सुरक्षित रख लिया था. 21 जुलाई को वाराणसी (Varanasi) की एक अदालत ने एएसआई (ASI) को यह निर्धारित करने के लिए जहां भी आवश्यक हो. खुदाई सहित सर्वे करने का निर्देश दिया कि क्या मस्जिद ( Mosque) उस स्थान पर बनाई गई थी जहां पहले एक मंदिर मौजूद था.
एएसआई (ASI) ने 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था. लेकिन मस्जिद समिति के संपर्क करने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कुछ ही घंटों के भीतर इस पर रोक लगा दी. जिससे समिति को निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का समय मिल गया.
मस्जिद समिति के वकील ने आशंका व्यक्त की थी कि सर्वे और खुदाई से मस्जिद को नुकसान होगा. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को आश्वासन दिया है कि सर्वे किसी भी तरह से संरचना में बदलाव नहीं करेगा.
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