Haryana New CM: हरियाणा में सैनी समुदाय की आबादी करीब आठ फीसदी है. यह समुदाय हरियाणा के कई उत्तरी जिलों के अलावा अंबाला, कुरूक्षेत्र और हिसार समेत कुछ दूसरे जिलों में भी प्रभाव रखता है. साल 2014 में, जब बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाई थी.
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Haryana New CM: नायब सिंह सैनी को हरियाणा का अगला सीएम चुने जाने की घोषणा आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित थी, लेकिन बीजेपी इस तरह के हैरानी भरे फैसलों के लिए जानी जाती है और साल 2014 में पार्टी ने इसी तरह मनोहर लाल खट्टर को इस पद के लिए चुना था. चर्चाओं से दूर रहने वाले और जमीन से जुड़े ओबीसी नेता सैनी पार्टी में मुख्तलिफ पदों पर काम के बाद आज यानी 12 मार्च को यहां आयोजित एक बैठक में सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए. जिसके बाद उन्होंने मंगलवार शाम को सीएम पद की शपथ ली.
मनोहर लाल खट्टर के हैं करीबी
सैनी को मनोहर लाल खट्टर (69) का करीबी माना जाता है. उन्होंने पूर्व सीएम खट्टर की जगह ली, जिनका मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल इस साल अक्टूबर में पूरा होना था. सत्तारूढ़ भाजपा ने यह आश्चर्यजनक कदम लोकसभा इलेक्शन से कुछ हफ्ते पहले उठाया है, जबकि हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा इलेक्शन भी होने हैं. बीजेपी ने ओम प्रकाश धनखड़ के स्थान पर दूसरे पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सैनी को हरियाणा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था.
ओबीसी और गैर-जाट समुदायों पर मजबूत पकड़ बनाने पर जोर
इससे पहले, मंगलवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और उनके सभी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंप दिया. जिसके बाद बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में सैनी की नियुक्ति को ओबीसी और गैर-जाट समुदायों पर पकड़ मजबूत करने के मकसद से पार्टी के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा गया था. राज्य में सबसे अधिक आबादी वाले समुदाय जाट का समर्थन बड़े पैमाने पर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जजपा) और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के बीच बंटा हुआ माना जाता है. इसके अलावा, सैनी को मुख्यमंत्री चुने जाने को खट्टर सरकार के खिलाफ जारी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिहाज से उठाए गए कदम के रूप में भी देखा जा रहा है.
सैनी समुदाय का है इन जिलों में दबदबा
हरियाणा में सैनी समुदाय की आबादी करीब आठ फीसदी है. यह समुदाय हरियाणा के कई उत्तरी जिलों के अलावा अंबाला, कुरूक्षेत्र और हिसार समेत कुछ दूसरे जिलों में भी प्रभाव रखता है. साल 2014 में, जब बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाई थी, तब पार्टी ने करनाल से पहली बार विधायक बने खट्टर को सीएम चुना था. उस वक्त राम बिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ जैसे सीनियर नेताओं को नजरअंदाज कर खट्टर को चुना गया था. कुछ इसी तर्ज पर मंगलवार को खट्टर को हटाकर सैनी को सीएम चुना गया. निवर्तमान खट्टर मंत्रिमंडल में छह बार के विधायक अनिल विज सबसे सीनियर मंत्री हैं.
सैनी RSS के हैं कार्यकर्ता
सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला जिले के मिर्जापुर माजरा नामक गांव में हुआ था. कानूनी की पढ़ाई करने वाले सैनी के खट्टर के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और ये RSS के दिनों से चले आ रहे हैं. सैनी 2014 और 2019 के बीच खट्टर कैबिनेट में मंत्री भी थे. उन्होंने विधायक रहते हुए 2019 का लोकसभा इलेक्शन लड़ा था. यहां हरियाणा निवास में हुई बीजेपी विधायकों की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री के रूप में सैनी के नाम का ऐलान किया गया था. पिछले तीन दशकों के दौरान, सैनी ने बीजेपी की राज्य इकाई में कई पदों पर काम किया और प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और महासचिव रहे हैं.
2014 में बने पहली बार विधायक
वह 2002 में अंबाला के लिए प्रदेश बीजेपी की युवा शाखा के जिला महासचिव थे और तीन साल बाद जिला अध्यक्ष बने. वह 2014 में नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से इलेक्शन जीतकर पहली बार विधायक बने थे. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, सैनी ने कुरुक्षेत्र सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3,84,591 वोटों के अंतर से हराया था. सैनी को 2019 में बीजेपी के सांसद रहे आरके सैनी के विद्रोह के बाद कुरुक्षेत्र सीट से मैदान में उतारा गया था.