Hijab Law in Iran: साल 2022 में ईरान में हिजाब के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. अब ईरान ने हिजाब के कानून को और सख्त कर दिया है.
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Hijab Law in Iran: ईरान में अभी भी हिजाब विवाद जारी है. पिछले दिनों ईरान हिजाब को लेकर काफी चर्चा में रहा है. अब ईरान ने हिजाब पर ऐसे कानून बनाए हैं, जिससे यहां बवाल हो गया है. ईरान में हिजाब के नए कानून तहत अगर कोई औरत कानून का उल्लंघन करती है, तो उसे मौत की सजा भी हो सकती है. ईरान में हिजाब के नए कानून के तहत अल्लंघन करने पर औरतों को कोड़े मारने और जेल की सजा भी हो सकती है. अगर कोई औरत एक से ज्यादा बार कानून का उल्लंघन करता है, तो उसे 15 साल की सजा या फांसी हो सकती है. ईरान ने देश में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाली औरतों के लिए हिजाब क्लीनिक खोलने का ऐलान किया है.
संगठनों पर भी लगेगी लगाम
मीडिया आई खबरों के मुताबिक अगर कोई संगठन या मीडिया हिजाब विरोधी विचारों को बढ़ावा देता हुआ पाया गया, तो उसे 10 साल तक जेल की सजा हो सकती है. इसके साथ ही 12500 पाउंड तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. इसके अलावा अगर कोई संगठन या शख्स उल्लंघन करने वाली औरतों की गिरफ्तारी को रोकने की कोशिश करता है, तो उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. ईरान सरकार ऐसे लोगों को जेल में डाल सकती है.
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क्या है हिजाब कानून का मकसद
ईरान सरकार का कहना है कि कानून का मकसद हिजाब कल्चर को बनाए रखना है. ईरान का ये भी कहना है कि अच्छे से कपड़े न पहनने, ठीक से चेहरा न ढकने पर कड़ी सजा दी जा सकती है. ईरान में साल 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ईरान ने औरतों को सभी जगहों पर बाल ढकने का कानून लागू किया था. साल 2022 में इस कानून की बड़े पैमाने पर मुखालफत की गई थी.
क्या है महसा अमीनी विवाद?
आपको बता दें, कि सितंबर 2022 में 22 साल की औरत महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. महसा अमीनी को पुलिस ने ठीक से हिजाब न पहनने के जुल्म में गिरफ्तार किया था. लोगों ने इल्जाम लगाया कि पुलिस ने महसा को मारा इसलिए वह मर गई, जबकि पुलिस का कहना था कि महसा की हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके बाद पूरे ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रद्रशन हुए. इन विरोध प्रदर्शनों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. अब हिजाब कानून को और सख्त कर दिया गया है.