क्या ISRO के वैज्ञानिकों को नहीं मिली है 17 महीनों से सैलरी? इस नेता का बड़ा दावा
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क्या ISRO के वैज्ञानिकों को नहीं मिली है 17 महीनों से सैलरी? इस नेता का बड़ा दावा

Chandrayaan-3 Mission: एक तरफ चंद्रयान मिशन कामयाब होने जा रहा है, वहीं दूसरी ओर एक नेता ने बड़ा दावा किया है कि ISRO के वैज्ञानिकों को पिछले 17 महीनों से सैलरी नहीं मिली है.

क्या ISRO के वैज्ञानिकों को नहीं मिली है 17 महीनों से सैलरी?  इस नेता का बड़ा दावा

Chandrayaan-3 Mission: कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह ने बुधवार को दावा किया कि इसरो के वैज्ञानिकों को पिछले 17 महीनों से सैलरी नहीं मिली है. उनका ये बयान भारतीय सरकार की फैक्ट चेकिंग शाखा प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के इस दावे को खारिज करने के बाद आया है. आज चंद्रयान-3 की लैंडिंग होनी है, इससे पहले कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री को इसरो वैज्ञानिकों को सैलरी देने पर ध्यान देना चाहिए.

क्या बोले दिग्विजय सिंह?

दिग्विजय सिंह ने कहा,"हमें गर्व है कि इसरो वैज्ञानिक चंद्रयान की कामयाब लैंडिंग की कोशिश कर रहे हैं. हम ईश्वर से उनकी सफलता के लिए दुआ करते हैं. लेकिन अखबारों में खबरें हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है. प्रधानमंत्री को इस पर भी ध्यान देना चाहिए.”

अमित मालवीय ने बोला हमला

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय का बयान आया है. उन्होंने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया, "घृणित दिग्विजय सिंह ने उस दिन #FakeNews फैलाई है जब इसरो भारत को गौरवान्वित करने के लिए पूरी तरह तैयार है. कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करती है, लेकिन वह मजबूत होते भारत से और भी ज्यादा नफरत करती है. लेकिन आत्मविश्वास से भरा भारत कभी भी कांग्रेस को वोट नहीं देगा.

इससे पहले तहसीन ने किया था कमेंट

 इससे पहले पॉलिटिकल एनालिस्ट तहसीन पूनावाला ने कुछ इसी तरह का कमेंट किया था. उन्होंने एक पोडकास्ट में कहा था कि इसरो के वैज्ञानिकों को तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है. एक पोडकास्ट में पूनावाला कहते है,"इसरो के वैज्ञानिकों को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं दी गई है. क्या यह सही है? और यही इस सरकार के साथ मेरा मुद्दा है. हमें इसरो पर बहुत गर्व है. यह एक महान संगठन है. तीन महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, और बेझिझक आप मेरे इस तथ्य की जांच करें."

पीआईबी ने किया फैक्ट चेक

पूनावाला के इस दावे के बाद पीआईबी ने फैक्ट चेक किया और इस दावे को खारिज कर दिया. दावे में पाया गया कि इसरो के वैज्ञानिकों को हर महीने के आखिर में सैलरी मिल जाती है.

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