Kedarnth Helicopter Crash: उत्तराखंड के केदारनाथ से 2 किलोमीटर की दूरी पर एक प्राइवेट कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है. जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा था.
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Kedarnath Helicopter Crash: मंगलवार को उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसा पेश आया है. जानकारी के मुताबिक केदारनाथ से करीब 2 किलो मीटर के फासले पर गरुड़चट्टी इलाके में यह हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है. इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में 2 पायलट भी शामिल हैं. हेलीकॉप्टर एक प्राइवेट कंपनी का बताया जा रहा है. जो श्रद्धालुओं को ले जा रहा था.
यह हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से केदारनाथ जा रहे तीर्थयात्रियों को ले जा रहा था. लेकिन जंगलचट्टी के पास ही हादसे का शिकार हो गया. हादसे की वजह की बात करें तो बताया गया कि घने कोहरे और खराब दृश्यता के चलते यह हादसा हुआ है. राहती काम के लिए एक टीम को तुरंत घटने वाली जगह भेजा गया है.
#WATCH | Uttarakhand: A helicopter carrying Kedarnath pilgrims from Phata crashes, casualties feared; administration team left for the spot for relief and rescue work. Further details awaited pic.twitter.com/sDf4x1udlJ
— ANI (@ANI) October 18, 2022
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया हादसे का शिकार हुए श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर के दर्शन कर वापस आ रहे थे कि तभी केदारनाथ से दो किलोमीटर आगे रास्ते में उनके हेलीकॉप्टर में आग लग गई. कुमार ने बताया कि हादसे की वजहों का फौरी तौर पर पता नहीं चल पाया है लेकिन मुमकिन है कि कोहरे की वजह से कम दृश्यता के चलते किसी चीज से टकराने से हुई. हादसे की जानकारी मिलते ही बचाव कार्य के लिए घटनास्थलपर पहुंच गए. डीजीपी ने बताया कि हादसे के शिकार श्रद्धालुओं की शिनाख्त की कोशिश की जा रही है. पायलट की पहचान मुंबई के कैप्टन अनिल के रूप में हुई है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख का इज़हार किया है और घटना की जांच के आदेश दिए हैं. उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सचिव सी रविशंकर ने बताया कि हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनका मंत्रालय हालात की लगातार निगरानी कर रहा है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हम नुकसान की भयावहता का पता लगाने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं और हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं."