What will government do with 102 year old Parliament House: देश का नया संसद भवन बनकर तैयार है. प्रधानमंत्री इसी माह 28 तारीख को इसका उदघाटन करेंगे. नए संसद भवन में लोकसभा का डिजाइन मयूर और राज्यसभा का कमल के फूल की तरह रखा गया है.
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नई दिल्लीः भारत पर लगभग 200 सालों तक शासन करने वाले ब्रिटेन की लोकसभा जजर्र हो गई है. हाल ही में वहां के सांसदों ने कहा था कि ब्रिटिश संसद का कुछ हिस्सा इतना पुराना हो चुका है कि छत से पानी टपक रहा है. वह कभी भी भरभरा कर गिर सकता है. वहीं, ब्रिटेन का उपनिवेश रहा भारत अपना नया संसद भवन तैयार कर चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का विविधत तौर पर उद्घाटन करेंगे.
गौरतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा ने पांच अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण की अपील की थी. इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का शिलान्यास किया गया था.
नए संसद भवन का निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग कर रहा है. इसे अगले सौ वर्ष की आवश्यक्ताओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.
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1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस संसद के चार मंजिला नए भवन का काम लगभग पूरा हो चुका है. तकरीबन 64500 वर्ग मीटर में फैले नए संसद भवन में भूकंप रोधी सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं. यह वर्षा जल संचयन और जल पुनः चक्रण प्रणाली से भी सज्जित है. लोकसभा सचिवालय द्वारा संसद भवन पर तैयार की गई पुस्तिका के मुताबिक, नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी जबकि राज्यसभा में 384 सदस्य बैठ सकेंगे. संयुक्त सत्र के दौरान 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी.
इन सुविधाओं से लैस होगा नया भवन
नए संसद भवन को सभी आधुनिक दृश्य- श्रव्य संचार सुविधाओं और डेटा नेटवर्क प्रणालियों से लैस किया गया है. इस भवन की संकल्पना सेंट्रल विस्टा में बनी हुई इमारतों की स्थापत्य कला से सामंजस्य रखते हुए की गई है. नया संसद भवन त्रिकोणीय है जिसमें लोकसभा, राज्यसभा, केंद्रीय लाउंज के साथ साथ संवैधानिक प्राधिकारियों के कार्यालय होंगे.
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मोर और कमल की तरह होगा दोनों सदनों का डिजाइन
नए संसद भवन में लोकसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पक्षी मोर को मद्देनजर रखते हुए तैयार किया गया है, जबकि राज्यसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय फूल कमल की तरह है. सम्पूर्ण भवन के डिजाइन में देश के महत्वपूर्ण धरोहर भवनों की स्थापत्य कला को ध्यान में रखा गया है.
92 कमरों की व्यवस्था
नए संसद भवन में छह समिति कक्ष होंगे, जबकि वर्तमान संसद भवन में तीन समिति कक्ष हैं. इसमें मंत्री परिषद के सदस्यों के लिए 92 कमरों की व्यवस्था की गई है. नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा कक्ष में प्रत्येक बेंच पर एक साथ दो सदस्य बैठ सकेंगे और प्रत्येक सीट डिजिटल प्रणाली और टच स्क्रीन से लैस होगी. नए भवन में एक संविधान कक्ष है, जहां देश की लोकतांत्रिक धरोहर को दिखाया जाएगा. नए संसद भवन में सदस्यों के लिए पुस्तकालय, डाइनिंग रूप और पार्किंग की भी व्यवस्था रहेगी. पूरे भवन में 100 प्रतिशत यूपीएस पावर बैकअप की व्यवस्था होगी.
102 साल का हो चुका है मौजूदा संसद भवन
संसद का वर्तमान भवन देश के सबसे भव्य भवनों में से एक है, जिसे मशहूर वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और सर हरबर्ट बेकर की निगरानी में बनाया गया था. इसकी बुनियाद 12 फरवरी 1921 को ‘द ड्यूट ऑफ कनॉट’ ने रखी थी. इस भवन का उद्घाटन भारत के तत्कानलीन वायसराय लार्ड इर्विन ने 18 जनवरी 1927 को किया था. मौजूदा संसद भवन का निर्माण छह वर्ष में 83 लाख रूपए की लागत से किया गया था. तत्कालीन संसद यानी सेंट्रल सेजिस्लेटिव असेंबली की पहली बैठक 19 जनवरी 1927 को हुई थी. मौजूदा संसद भवन वृताकार है, जिसका व्यास 560 फीट, परिधि एक तिहाई मील और क्षेत्रफल लगभग छह एकड़ है, जिसमें 144 स्तम्भ लगे है,ं और 12 दरवाजे हैं.
पुराने संसद भवन को होता रहेगा इस्तेमाल
नए संसद भवन के निर्माण के बाद भी पुराने संसद भवन का इस्तेमाल जारी रहेगा और दोनों भवन एक दूसरे के पूरक के रूप में काम करेंगे. यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि नए भवन के निर्माण के बाद भी मूल संसद भवन पहले की तरह दिखाई देता रहे.
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