केरल में छात्र-छात्राओं से भरे क्लास में बीच में लगाया पर्दा, मच गया बवाल; जानें क्या है सच
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केरल में छात्र-छात्राओं से भरे क्लास में बीच में लगाया पर्दा, मच गया बवाल; जानें क्या है सच

Controversy over curtain in Class room: केरल में एक निजी धार्मिक स्थल पर मेडिकल के छात्र-छात्राओं की कक्षाओं में पर्दा डालने पर विवाद पैदा हो गया है, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज ने सफाई पेश की है.  

क्लासरूम में पर्दा

त्रिशूरः केरल में एक इस्लामी तंजीम द्वारा मेडिकल के छात्रों के एक वर्ग के लिए ‘जेंडर पॉलिटिक्स’ पर आयोजित कक्षाओं में छात्र और छात्राओं को पर्दा लगाकर अलग-अलग बैठाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है. केरल शास्त्र साहित्य परिषद, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया और दीगर संगठनों ने इस तरह से क्लास को संचालित में कड़ा ऐतराज जताया है. कक्षाएं इस्लामी समूह ‘मुजाहिद विजडम इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन’ द्वारा आयोजित की गई थीं. यह जानकारी तब सामने आई जब कक्षा संचालित करने वाले समूह के एक पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर इसकी एक तस्वीर पोस्ट की.

सएफआई इसे एक बड़ी चुनौती के रूप में देखता है
एसएफआई की प्रदेश अध्यक्ष अनुश्री ने बताया कि यह चिंता का विषय है कि आला तालीम याफ्ता विद्यार्थी कक्षाओं में हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले छात्रों का इस तरह के मुहिम का हिस्सा बनना चिंता की बात है. एसएफआई इसे एक बड़ी चुनौती के रूप में देखता है. केरल शास्त्र साहित्य परिषद ने इस तरह की कक्षाओं के संचालन की आलोचना की है और हैरत जताया है कि किसी ने यह सवाल क्यों नहीं किया कि पर्दा क्यों लगाया है? परिषद के पदाधिकारियों ने मीडिया से कहा कि क्लास में शामिल होने वालों ने यह नहीं बताया कि पर्दा क्यों लगाया गया था?

मेडिकल कॉलेज ने दी सफाई 
शासकीय मेडिकल कॉलेज के छात्र संघ ने सफाई पेश की है कि उसके परिसर में क्लास का आयोजन नहीं किया गया था. ऐसी कक्षाओं के संचालन में न तो कॉलेज प्रशासन और न ही कॉलेज यूनियन की कोई भूमिका है. कॉलेज ऐसे कार्यों को प्रोत्साहित नहीं करता है. हम हमेशा प्रगतिशील सोच के साथ खड़े हैं.’’ 

संगठन ने अपने फैसले का किया बचाव 
वहीं, इस क्लास का आयोजन करने वाले संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि कक्षाओं का खर्च समूह द्वारा वहन किया गया था और समूह का आइडिया था कि वे एक पर्दा लगाकर छात्र और छात्राओं को अलग करना चाहते हैं. इस पर्दे वाले क्लास को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कक्षाओं का आयोजन एक निजी स्थान पर किया गया था. संगठन ने उस सोशल मीडिया पोस्ट की निंदा की जिसमें कहा गया था कि मेडिकल कॉलेज में कक्षा आयोजित की गई थी. यह निंदनीय है कि धार्मिक स्थल पर कक्षाओं के संचालित होने की झूठी खबर को प्रसारित किया जा रहा है.

Zee Salaam

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