अंडाणु दान करने के लिए मजबूर करने के आरोप में लड़की की मां, एजेंट और उसके एक प्रेमी को पुलिस ने हिरासत में लिया है. मामला तब सामने आया जब लड़की तीनों के चंगुल से भाग गई और सलेम में अपने परिजनों को आपबीती सुनाई.
Trending Photos
इरोडः तमिलनाडु के इरोड जिले के एक विशेष चिकित्सा टीम ने इतवार को एक नाबालिग लड़की से पूछताछ की, जिसे बांझपन का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों को आठ बार अपना अंडाणु दान करने के लिए मजबूर किया गया था. पुलिस के मुताबिक, जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त टीम ने 16 वर्षीय लड़की से मुलाकात की, जिसने 13 साल की उम्र से अंडाणु दान के बारे में आपबीती सुनाई.
गौरतलब है कि गुरुवार को, इंद्राणी, सैयद अली और एक एजेंट मालथी को लड़की को अंडाणु दान करने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत हिरासत में लिया गया था. मामला तब सामने आया जब लड़की तीनों के चंगुल से भाग गई और सलेम में अपने परिजनों को आपबीती सुनाई. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.
बांझपन का इलाज करने वाले उन अस्पतालों से पूछताछ
पीड़िता ने बताया कि कैसे उसकी मां इंद्राणी और उसके प्रेमी सैयद अली ने उसे पेरुंदुरई (इरोड), सेलम और होसुर इलाकों में निजी अस्पतालों में अंडाणु दान करने के लिए मजबूर किया था. पुलिस के मुताबिक लड़की ने यह भी कहा कि सैयद अली ने उसका कई बार यौन उत्पीड़न किया. मेडिकल टीम ने सभी विवरण दर्ज किए हैं. पुलिस ने कहा कि उसने जिले में बांझपन का इलाज करने वाले उन अस्पतालों से पूछताछ की, जहां लड़की को अपना अंडाणु दान करने के लिए मजबूर किया गया था.
शनिवार को मामले के जांच अधिकारी इरोड जिला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बांझपन का इलाज करने वाले दो अस्पतालों को समन भेजा. दोनों अस्पतालों के अफसर हाजिर हुए और जांच अधिकारी के सवालों का जवाब दिया.
Zee Salaam