मर्द को भी होता है दर्द; पत्नी प्रताड़ना के शिकार लोगों ने दिया धरना, रखी ये मांग
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मर्द को भी होता है दर्द; पत्नी प्रताड़ना के शिकार लोगों ने दिया धरना, रखी ये मांग

मामला झारखंड के रांची का है, जहां सेव इंडियन फैमिली (Save Indian Family) नामक संस्था के बैनर तले पत्नी प्रताड़ित पुरुषों ने बापू की प्रतिमा के पास धरना देकर दहेज कानूनों (Dowry law) में संशोधन की मांग की है. 

सेव इंडियन फैमिली

रांचीः पुरुष प्रताड़ना की शिकार महिलाओं के लिए काम करने वाले लोग और गैर सरकारी संगठनां के बार में आपने सुना होगा, लेकिन एक संगठन पत्नी से प्रताड़ित पुरुषों ( men harassed by wife) की मदद करने को आगे आ गया है. झारखंड में अपनी बीवियों से प्रताड़ित पुरुषों ने मोर्चा बनाकर इंसाफ के लिए आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है. सेव इंडियन फैमिली (Save Indian Family) नामक संस्था के बैनर तले जुटे ऐसे ढेर सारे पत्नी प्रताड़ित पुरुषों ने रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास बैठकर धरना दिया है.

धारा 498 का इस्तेमाल जितना महिलाओं के हक में नहीं होता 

आंदोलन और धरने में शामिल पुरुषों ने कहा, "भारतीय कानून के कई प्रावधानों का नाजायज फायदा उठाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रशासन, समाज और पुलिस से उन्हें भी अन्याय और प्रताड़णा से संरक्षण का हक मिलना चाहिए.’’ इन पुरुषों ने बताया कि दहेज प्रताड़ना के खिलाफ कानून की धारा 498 का इस्तेमाल जितना महिलाओं के हक में नहीं होता है, उससे ज्यादा इसका इस्तेमाल पुरुषों को प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है. इन मामलों में कई लोगों को झूठी शिकायतों की वजह से जेल जाना पड़ता है, जिस वजह से उस पुरुष का पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है. गुजारा भत्ता की धारा 125 का भी बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है. धरना दे रहे लोगों ने कहा कि हममें से किसी ने झूठी शिकायत के चलते अपनी नौकरी गंवा दी तो किसी को कोर्ट के चक्कर लगाते-लगाते जिंदगी इसमें पिस कर रह गई है. 

पुरुषों का परिवार हो रहा बर्बाद 
सेव इंडियन फैमिली संस्था से जुड़े सुशील कुमार पांडे का इल्जाम है कि पत्नी की प्रताड़ना के चलते उनका परिवार बर्बाद हो गया है. उनकी पत्नी गांव में नहीं रहना चाहती थी, जबकि उनकी आजीविका गांव की वजह से ही चल रही थी. पत्नी की बात नहीं मानी तो मेंटेंनेस और दहेज प्रताड़ना के तहत उनके खिलाफ केस कर दिया गया. वह जेल चले गए. रामगढ़ निवासी बिगनकांत की मानें तो 498 के झूठे केस के चलते उन्हें अपनी सरकारी नौकरी गंवानी पड़ी और वे बेराजगार हो गए. 

बड़ी संख्या में संगठन से जुड़ रहे हैं पत्नी प्रताड़ित पुरुष 
धरना दे रहे लोगों का नेतृत्व कर रहे प्रह्लाद प्रसाद ने दावा किया है कि हर साल चार लाख लोग धारा 498 के गलत इस्तेमाल का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि अपनी मांगों के हिमायत में 19 नवंबर को रांची में एक बड़े सम्मेलन के आयोजन की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारे मोर्चा से अब बड़ी तादाद में लोग जुड़ रहे हैं. हमें उम्मीद है कि सरकार हमें अन्याय से सुरक्षा देने के लिए देहज विरोधी कानूनों में जरूरी संशोधन करेगी.

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