Udupi College Video Row: राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर ने उडुपी के एक पैरामेडिकल कॉलेज के शौचालय में कथित रूप से एक लड़की का वीडियो बनाने के मामले में किसी भी नतीजे पर पहुंचने या घटना को सांप्रदायिक रंग न देने की अपील की है.
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NCM Member Khushbu Sunder On Udupi Video Case: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की मेंबर खुशबू सुंदर ने उडुपी के एक पैरामेडिकल कॉलेज के शौचालय में कथित रूप से एक लड़की का वीडियो बनाने के मामले में किसी भी नतीजे पर पहुंचने या घटना को सांप्रदायिक रंग न देने की अपील की है. बृहस्पतिवार को उन्होंने कॉलेज का दौरा किया. उनके साथ उडुपी के जिला पुलिस अधीक्षक अक्षय हाके मच्छिंद्र और कमीशन के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे. खुशबू सुंदर ने इस मामले की जांच के सिलसिले में कॉलेज प्रबंधन, पीड़िता और घटना में शामिल छात्राओं से बातचीत की.
मामले की जांच जारी
बीते रोज उडुपी पहुंची खुशबू सुंदर ने संवाददाताओं से कहा था कि पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. इससे पहले उन्होंने उपायुक्त विद्याकुमारी और पुलिस अधीक्षक हाके अक्षय मच्छिन्द्र के साथ मीटिंग की. राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि जांच जारी है और इस मामले की व्यापक पड़ताल किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यू और पुलिस को अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है. जब तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते, तब तक चार्जशीट दाखिल नहीं किया जा सकती. उन्होंने बताया कि पुलिस ने कथित तौर पर वीडियो बनाने वाली तीन लड़कियों के मोबाइल फोन डेटा पुनर्प्राप्ति के लिए भेज दिए हैं.
घटना को साम्प्रदायिक रंग न दिया जाए: NCW
साथ ही उन्होंने कहा ये भी बताया कि एनसीडब्ल्यू और पुलिस अपना काम कर रही हैं .उन्होंने कहा कि आयोग महिलाओं की हिफाजत के लिए प्रतिबद्ध है और वह किसी भी सांप्रदायिक पहलू को ध्यान में रखकर काम नहीं करता. एनसीडब्ल्यू मेंबर ने कहा कि आयोग का ध्यान महिलाओं की सुरक्षा पर हैं चाहे वे किसी भी समुदाय की हों. उन्होंने लोगों से अपील की, कि इस घटना को साम्प्रदायिक रंग न दिया जाए. इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने शौचालय घटना की जांच की मांग करते हुए उडुपी में बृहस्पतिवार को मुजाहिरा किया.
क्या है मामला ?
दरअसल, उडुपी के एक पैरामेडिकल कॉलेज के टॉयलेट में कथित तौर पर तीन मुस्लिम लड़कियों ने अपनी एक सहपाठी का वीडियो रिकॉर्ड कर किया था. ऐसा बताया जा रहा है कि बाद में इस वीडियो को कॉलेज प्रशासन ने डिलीट कर दिया. वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह एक प्रैंक वीडियो था, जिसे छात्राओं ने खुद डिलीट किया था, जबकि दक्षिणपंथी संगठनों का इल्जाम है कि कॉलेज प्रशासन ने मुस्लिम लड़कियों को बचाने के लिए ऐसा किया है. इस मामले में पीड़ित छात्रा की तरफ से कोई मुकदमा नहीं किया गया था. स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस ने मामला दर्ज किया है. उडुपी के पुलिस थाने में दर्ज मुकदमे में तीन छात्राओं शबनाज, अल्फिया और अलीमा को आरोपी बनाया गया है.
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