हरियाणा के कफ सिरप को पीकर मर गए गाम्बिया के 66 बच्चे, पड़ोसियों को इसकी खबर तक नहीं
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हरियाणा के कफ सिरप को पीकर मर गए गाम्बिया के 66 बच्चे, पड़ोसियों को इसकी खबर तक नहीं

Haryana factory made Cough Syrups cause to death 66 children in Gambia: हरियाणा के सोनिपत की एक फैक्ट्री में बनने वाली घटिया और मिलावटी कफ सिरप को पीकर गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उस सिरप को लेकर नोटिस जारी किया है, लेकिन स्थानीस लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. 

अलामती तस्वीर

सोनीपतः देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनिपत की एक फैक्ट्री में बनने वाली घटिया कफ सीरप (Cough Syrup) को पीकर दक्षिण अफ्रीकी देश गाम्बिया (South African nation Gambia) में 66 बच्चों की मौत (66 children died) हो गई है. इस खबर ने देश और दुनियाभर में भारतीय फार्मा कंपनियों (Pharmaceuticals Company) और उसमें निर्मित होने वाली दवाईयों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिस कंपनी में यह दवा बनती है, उसके आसपास रहने वाले लोग इस खबर से बिल्कुल अंजान हैं. उन्हें नहीं पता है कि उनके घर के पास जो बड़ी-सी फैक्ट्री है, उसमें क्या बनता है ? उन्हें नहीं पता है कि यह फैक्ट्री अभी दुनिया भर में क्यों चर्चा का विषय बन गई है?

"हमको नहीं पता कि ऐसा कुछ हुआ है’’ 
अपनी तीन साल की पोती को अपने आंगन में पालने में बड़े प्यार से झुला रहीं शकुंतला (60) घर के ठीक सामने स्थित फैक्ट्री के दुखद घटनाक्रम से बिल्कुल अनजान हैं. शकुंतला को जब दक्षिण अफ्रीकी देश गाम्बिया में इस फैक्ट्री में बने घटिया कफ सिरप को पीने से 66 बच्चों की मौत के बारे में बताया गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘हमको नहीं पता कि ऐसा कुछ हुआ है. हमने कभी यहां से दवाई नहीं ली, और हमें तो यह भी पता नहीं थी कि यहां क्या बनता है? हालांकि अपनी बहु रेशमा को इस घटना के बारे में बताते हुए शकुंतला ने अपनी पोती को अपनी बाहों में कसकर भींच लिया. 

‘‘कल बहुत सारे लोग आए थे’’ 
नेहा (25) ने कहा, ‘‘कल बहुत सारे लोग आए थे. हमें लगा कि फैक्ट्री में कोई हादसा हुआ है. कोई लड़ाई या कुछ और बात हुई होगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह फैक्ट्री यहां आठ या 10 सालों से है. हमें कभी अंदेशा नहीं हुआ कि यहां घटिया दवाईयांं का निर्माण किया जा रहा है. क्या उन्हें भारतीय बाजार में भी बेचा जा रहा था? क्या नाम है उस कफ सिरप का ? मैं इसे कभी नहीं खरीदूं.’’ पड़ोसियों ने बताया, ’’इस फैक्ट्री में बनी दवा को सिर्फ विदेशों में निर्यात किया गया था.’’ स्थानीय लोग हाल में हुए इस घटना के असर से अनजान थे. हालांकि अब यह फैक्ट्री स्थानीय लोगों के बीच कौतूहल का विषय बन गई है. फैक्ट्री को देखने के लिए आसपास के इलाकों से कुछ लोग यहां आ रहे हैं. एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, ‘‘10 साल हो गए हैं मुझे यहां रहते हुए. हमें पता नहीं था कि यहां कफ सिरप बनते हैं.’’ 

फैक्ट्री के बाहर चिपका दिया गया है सरकार का नोटिस
हरियाणा के औद्योगिक केंद्र में ’मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ नाम की यह फैक्ट्री वहां आस-पास उस तरह दिखने वाली सैकड़ों फैक्ट्रियों जैसी ही है. लेकिन एक चीज अब उसे अलग रूप दे रही है, वह है घटिया उत्पादों के बारे में मुख्य द्वार के बाहर चिपकाया गया सरकार का एक नोटिस. नोटिस में से एक मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए ‘खांसी और सर्दी’ के चार सिरप पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का अलर्ट है. शुक्रवार को हरियाणा औषधि नियंत्रण के अफसर जांच के लिए फार्मा कंपनी के परिसर में मौजूद थे, लेकिन इसके बावजूद फैक्ट्री में सन्नाटा पसरा हुआ है.  दरवाजे पर देखरेख करने वाले गार्ड किसी को भी परिसर के आसपास नहीं जाने दे रहे हैं.  

डब्ल्यूएचओ ने जारी की है चेतावनी 
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा कथित तौर पर उत्पादित चार ‘मिलवटी’ और ‘घटिया’ कफ सिरप पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र में मौतों का संभावित कारण हो सकते हैं. डब्ल्यूएचओ के अलर्ट जारी करने के बाद भारत के औषधि नियामक ने इस संबंध में जांच शुरू कर उस फैक्ट्री को बद कर दिया है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कहा था कि कंपनी में उत्पादित चार कफ सिरप के नमूने जांच के लिए कोलकाता में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला भेजे गए हैं, जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन अपना काम करेगी. 

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