चिराग का नीतीश पर वार: पहले दलित-महादलित को बांटा, अब LJP में फूट डाली, वह नहीं चाहते कि दलित आगे बढ़े
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चिराग का नीतीश पर वार: पहले दलित-महादलित को बांटा, अब LJP में फूट डाली, वह नहीं चाहते कि दलित आगे बढ़े

चिराग पासवान ने कहा कि मैं जानता हूं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ सत्ता के लालची हैं. वह बिहार के लिए काम नहीं करते. उनका सात निश्चय कभी भी बिहार को आगे नहीं बढ़ा सकता.

चिराग पासवान

नई दिल्लीः लोक जनशक्ति पार्टी में फूट के बाद बुध को चिराग पासवान का दर्द सामने आया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया के सामने कहा, “चाचा के धोखे के बाद मैं अनाथ हो गया हूं. इसके साथ ही उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा है. चिराग ने कहा कि नीतीश कभी नहीं चाहते कि एक दलित आगे बढ़े. वह हमारी पार्टी में फूट डालना चाहते हैं. चिराग के इस बयान के पहले सियासी हलकों में यह खबर थी कि लोजपा में फूट डालने के सूत्रधार नीतीश कुमार हैं, लेकिन जेडीयू ने इन इल्जामों को खारिज कर दिया था. अब चिराग के इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि चिराग भी इसकी वजह जेडीयू और नीतीश को मानते हैं. हालांकि इस पूरे मामले में भाजपा को लेकर उन्होंने अभी कोई बयान नहीं दिया है. 

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नीतीश कुमार सिर्फ सत्ता के लालची हैं 
चिराग पासवान ने कहा कि मैं जानता हूं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ सत्ता के लालची हैं. वह बिहार के लिए काम नहीं करते. उनका सात निश्चय कभी भी बिहार को आगे नहीं बढ़ा सकता. मेरा उनकी नीतियों पर भरोसा नहीं था, इसलिए मैंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. जेडीयू सिर्फ फूट डालो और राज करो की राजनीति करती है. पहले बिहार को दलित और महादलित में बांटा. अब हमारी पार्टी में फूट डालना चाहते हैं. यह कभी नहीं चाहते कि एक दलित आगे बढ़े. मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, मैं शेर का बेटा हूं, पहले भी लड़ा था और आगे भी लड़ूंगा.”

जब मुझे चाचा की जरूरत थी, वह पार्टी तोड़ने में लगे थे 
चिराग ने चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधते हुए कहा कि चाचा ने चुनाव के दौरान किसी भी तरह की मदद नहीं की. जब मुझे उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तब वह पार्टी को तोड़ने में लगे रहे. चिराग ने दावा किया है कि अभी भी वह पार्टी के सदर हैं. उन्होंने कहा, “जो लोग मुझे हटाने का दावा कर रहे हैं उन्हें पार्टी के आईन की कोई जानकारी नहीं हैं. चाचा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का कोई हक नहीं है. हम कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं” 

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मैंने हमेशा परिवार और पार्टी को एक साथ रखना चाहा
चिराग ने कहा कि हमने अपनी नीतियों से समझौता नहीं किया और बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. मैंने हमेशा परिवार और पार्टी को एक साथ रखना चाहा. बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही एक सीट हम जीते हों लेकिन हमने बड़ी संख्या में वोट और लोगों की हिमायत हासिल की है. हमें 24 लाख वोट मिले हैं, हमारा वोट बढ़ा है.

बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का विजन था मेरा  
चिराग पासवान ने कहा, “बिहार चुनाव में हमने मुश्किल रास्ता चुना जबकि पार्टी में कुछ लोग आसान रास्ता चाहते थे. वह चाहते थे कि हम जदयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ें. इसमें कोई शक नहीं है कि अगर जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी साथ में चुनाव लड़ती तो हम कई सीटों पर जीत हासिल करते. लेकिन मैं बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के विजन पर था. 

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