असदुद्दीन ओवैसी ने बिगाड़ा महागठबंधन का खेल? जीत तो नहीं सके 'वोटकटवा' बने!
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असदुद्दीन ओवैसी ने बिगाड़ा महागठबंधन का खेल? जीत तो नहीं सके 'वोटकटवा' बने!

AIMIM ने सीमांचल की 24 सीटों पर चुनाव लड़ा है और इस इलाके से महागठबंधन सिर्फ 5 सीटों पर आगे है जबकि 11 सीटों पर एनडीए को बढ़त मिली है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: बिहार असेंबली के लिए जारी काउंटिंग जारी है और एनडीए करीब 130 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं महागठबंधन 103 के करीब सीटों पर आगे चल रही है. शुरूआती रुझान में महागठबंधन आगे चल रहा था लेकिन जैसे जैसे काउंटिग बढ़ती गई वैसे वैसे एनडीए की सीटों में इज़ाफा होता चला गया.

कुछ माहिरीन का मानना है कि महागठबंधन की पिछड़ने की वजह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी है. क्योंकि AIMIM ने सीमांचल की 24 सीटों पर चुनाव लड़ा है और इस इलाके से महागठबंधन पर 4 सीटों पर नुकसान हुआ है जबकि 8 सीटों पर एनडीए को बढ़त मिली है. इसके अलावा 2 सीटों पर AIMIM ने जीत हासिल की है और तीन सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.

बता दें कि सीमांचल वो इलाका है जो नेपाल और मगरिबी बंगाल की सरहद से लगता हुआ शुमाल मशरिक (पूर्वोत्तर) भारत से जुड़ता है, सियासी समीकरण के लिहाज से ये इसलिये अहम है क्योंकि यहां के चार जिलों पूर्णियां में 35 फीसदी, कटिहार में 45 फीसदी, अररिया में 51 फीसदी और किशनगंज में 70 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं.

AIMIM ने सीमांचल की शेरघाटी, साहेबपुर कमाल, साहेबगंज, फुलवारी शरीफ, कोचाधाम, बहादुरगंज, किशनगंज, वायसी, आमौर, नरपतगंज, कस्बा, परानपुर, जोकीहाट, बरारी, मनिहारी, अररिया, छातापुर समेत कुछ अन्य सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि ज्यादा तर सीटों पर AIMIM के उम्मीदवारों को शिकस्त का समाना करना पड़ा है. जिसका सीधा फायदा NDA को हुआ है. रुझानों के मुताबिक AIMIM ने तीन सीटों पर बढ़त बनाई हुई है. जिनमें अमौर, बहादुरगंज और कोचाधामन सीटें शामिल हैं. 

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