मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के सबब एक खानदान अपने अजाीज और एक बेटा अपनी मां का अंतिम संस्कार नहीं कर पाया.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक बड़े सरकारी हस्पताल अस्पताल हमीदिया (Hamidia hospital) में बड़ी लापरवाही और गैरज़िम्मेदारी का मामला सामने आया है. अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के सबब एक खानदान अपने अजाीज और एक बेटा अपनी मां का अंतिम संस्कार नहीं कर पाया.
मामला ये है कि अस्पताल हमीदिया (Hamidia hospital) में दो महिलाओं का कोरोना के सबब इंतेकाल हो गया, इनमें एक मुस्लिम महिला थी और दूसरी थी हिंदू. उनके इंतेकाल के बाद उनके परिवार वालों को खबर दी गई. सबस पहले हिंदू परिवार शव लेने पहुंचा. इस हिंदू परिवार को मुस्लिम महिला का शव दे दिया गाय. इस परिवार ने हिंदू रीती-रिवाज के मुताबिक अंतिम संस्कार कर दिया. इसका खुलासा उस वक्ता हुआ जब मुस्लिम परिवार शव लेने पहुंचा.
छानबीन में पता चला कि मुस्लिम महिला का अंतिम संस्कार हो चुका है
जब मुस्लिम परिवार को लाश मॉर्च्यूरी में नहीं मिली तो छानबीन के बाद पता चला कि उस महिला का अंतिम संस्कार नजीराबाद में हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक कर दिया गया है. क्योंकि जब हिंदू परिवार शव लेने पहुंचा था, उसी वक्त उस मुस्लिम महिला का शव हिंदू परिवार के हवाले कर दिया गया था.
हिंदू परिवार ने लाश की शनाख्त की थी, लेकिन स्टाफ ने बदल दिया
इस घटना के बाद जब हिंदू परिवार को बुलाया गया तो उस परिवार कहना था कि, 'अस्पताल स्टाफ ने मां की लाश की शिनाख्त करवाने के बाद बॉडी पैक करने के लिए अंदर भेज दी थी. उसके बाद लाश बदल दी गयी. कोरोना से मौत होने के कारण परिवार ने गाइडलाइन के मुताबिक पैक की हुई बॉडी को खोला नहीं और उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई का दिया आश्वासन
इस घटना के बाद मुस्लिम परिवार बेहद सदमें में है. प्रशासन ने उस परिवार को जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की यकीन दिहानी कराई है. डीन आईडी चौरसिया ने इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि जिसने भी ये गलती की है, उसे तत्काल प्रभाव से जांच कर सस्पेंड किया जाएगा.
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