Mehbooba Mufti Twitter DP: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नई डीपी लगाते हुए कहा कि मैंने अपनी डीपी बदल डाली, क्योंकि झंडा खुशी और गर्व का प्रतीक है.
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श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने फिर एक नए विवाद को जन्म दिया है. उन्होंने अपने ट्विटर पर एक ऐसी डीपी लगाई है जिसको देखकर विवाद बढ़ने की आशंका है. महबूबा ने बुधवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक डिस्प्ले पिक्चर (DP) लगाई. इस तस्वीर में उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद (Mufti Mohammad Sayeed ) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) साथ बैठे दिख रहे हैं और उनके सामने राष्ट्र ध्वज और अब अमान्य हो चुके जम्मू-कश्मीर के झंडे नजर आ रहे हैं.
महबूबा ने नई डीपी लगाते हुए कहा कि मैंने अपनी डीपी बदल डाली, क्योंकि झंडा खुशी और गर्व का प्रतीक है. हमारे राज्य के ध्वज को भारतीय ध्वज से जोड़ा गया था, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता. इस जुड़ाव को खत्म करके इसे छीन लिया गया. आपने भले ही हमसे हमारा झंडा छीन लिया हो, लेकिन इसे हमारी सामूहिक चेतना से नहीं मिटाया जा सकता.'
Changed my dp since a flag is a matter of joy & pride.For us our state flag was irreversibly linked to the Indian flag. It was snatched thus breaking away the link. You may have robbed us of our flag but cant erase it from our collective conscience. pic.twitter.com/HZxQROn3fK
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 3, 2022
दरअसल इसले पहले इस रविवार को अपने मन की बात रेडियो प्रसारण में, पीएम मोदी ने कहा था कि ''आजादी का अमृत महोत्सव'' एक जन आंदोलन में बदल रहा है और लोगों से 2 से 15 अगस्त के बीच अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में ''तिरंगा'' लगाने की गुजारिश की थी. इसी क्रम में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्र ध्वज और अब अमान्य हो चुका जम्मू-कश्मीर के झंडे के साथ नई डीपी लगाकर एक तरह का पैगाम देने की कोशिश है.
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती ने ट्वीटर पर जो तस्वीर लगाई है, वह नवंबर 2015 में अपनी कश्मीर यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित एक रैली में ली गई थी, जब मुफ्ती सईद तत्कालीन राज्य के मुख्यमंत्री थे. पूर्व मुख्यमंत्री का ट्विटर पोस्ट भी जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के निरस्त होने की तीसरी वर्षगांठ से दो दिन पहले आया है. अब विशेष दर्जा समाप्त होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर के झंडे की भी मान्यता समाप्त कर दी गई है.
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