New Delhi: साल 1966, 1970 और 1980 में तत्कालीन सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर बैन लगया था. अब मोदी सरकार ने लगा बैन हटा लिया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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New Delhi: भारत सरकार ने आरएसएस पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है. गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. यह जानकारी भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर दी है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस आदेश का स्वागत किया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, साल 1966, 1970 और 1980 में तत्कालीन सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर बैन लगया था. अब मोदी सरकार ने लगा बैन हटा लिया है. अब मोदी सरकार ने इन आदेशों में संशोधन किया है, जिससे अब सरकारी कर्मचारी RSS के कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं. आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों को कड़ी सजा देने तक का प्रावधान लागू किया गया था. सेवानिवृत होने के बाद पेंशन लाभ इत्यादि को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारी RSS की गतिविधियों में शामिल होने से बचते थे.
इन राज्यों में लागू नहीं था प्रतिबंध
हालांकि, इस बीच मध्यप्रदेश समेत कई राज्य सरकारों ने इस आदेश को निरस्त कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी केंद्र सरकार के स्तर पर यह वैध बना हुआ था. इस मामले में एक वाद इंदौर की कोर्ट में चल रहा था, जिस पर अदालत ने केंद्र सरकार से सफाई मांगी थी. इसी पर कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए उक्त प्रतिबंधों को खत्म करने का ऐलान किया है.
नागपुर में कभी नहीं फहराया तिरंगा
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया. इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया."
नौकरशाही में आ सकते हैं निक्कर- जयराम रमेश
उन्होंने आगे लिखा, "साल 1966 में, RSS की गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही फैसला था. यह साल 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है. 4 जून 2024 के बाद, स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है. 9 जुलाई 2024 को, 58 साल का बैन हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के पीएम के कार्यकाल के दौरान भी लागू था. मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है."