National Conference News: नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने दावा किया कि, बीजेपी मुल्क में रूस और चीन जैसा शासन दोहराना चाहती है. उन्होंने कहा कि, अपोजिशन गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) बेहद मजबूत है और हमारा मकसद मुल्क के संविधान की हिफाजत करना है.
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Farooq Abdullah On Constitution: नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को दावा किया कि, बीजेपी मुल्क में रूस और चीन जैसा शासन दोहराना चाहती है. उन्होंने कहा कि, अपोजिशन गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) मुल्क के संविधान की हिफाजत के लिए आगे आया है भले ही यह 'हमारी जान' की कीमत पर हो. उन्होंने 1970 के दशक में श्रीलंका को सौंपे गए कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर भी मरकजी हुकूमत को घेरते हुए सवाल पूछा कि, केंद्र सरकार लद्दाख में चीन की लगातार दरअंदाजी और अरुणाचल प्रदेश में जमीन पर उसके दावों पर खामोश क्यों है.
संविधान को दफ्न नहीं होने देंगे: फारूक
NC चीफ ने नुमाइन्दों से कहा, कि संविधान की हिफाजत के लिए INDIA का गठन किया गया है. क्योंकि ऐसा अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि बीजेपी द्वारा संविधान को खत्म कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां (भारत में) वही होगा जो (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन और चीन के राष्ट्रपति (शी चिनफिंग) ने किया है. बीजेपी कोशिश कर रही हैं क्योंकि वे जीवन भर बगैर किसी मुखालेफत के मुल्क पर राज करना चाहती है. उन्होंने कहा कि, INDIA ऐसा नहीं होने देगा और अपनी जान की कीमत पर भी डॉ. बी आर आंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान की हिफाजत करेगा, इस संविधान को दफन नहीं होने दिया जाएगा.
बीजेपी पर बोला हमला
फारूक अब्दुल्ला जम्मू लोकसभा इलाके से अपना पर्चा दाखिल करने वाले कांग्रेस उम्मीदवार रमन भल्ला के साथ जम्मू में थे. इस सीट पर दूसरे फेज में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस देानों ही INDIA का हिस्सा हैं. 1970 के दशक में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंपने के फैसले पर पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस की तंकीद करने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने लद्दाख में चीन की कथित घुसपैठ और अरुणाचल प्रदेश में जमीन पर उसके दावों की तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा कि, कितनी जमीन चीन के पास है, इस बारे में मरकजी हुकूमत बात क्यों नहीं कर रही है? चीन ने हमारी हजारों किलोमीटर जमीन हड़प ली है और हमने पार्लियामेंट में मुद्दा उठाया लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. पहले उन्हें इसका जवाब देने दीजिए.