मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इंडियन मस्लिम लीग की तारीफ की है. माकपा ने आईयूएमएल के बारे में कहा है कि वह कम्युनल पार्टी नहीं है वह माइनॉरिटीज के लिए जमहूरी तरीके से काम करती है.
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को कहा कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) "कम्युनल पार्टी नहीं" है. आईयूएमएल ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के कथित कदम से मुताल्लिक कांग्रेस से सहमत नहीं होने के लिए अपोजीशन पार्टियों के अलायंस यूनाइटेड डेमोक्रेटिकक फ्रंट (UDF) की अहम पार्टी की तारीफ की. राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी के मुताबिक राज्यपाल केरल में यूनिवर्सिटीज का "भगवाकरण" करने की कोशिश कर रहे हैं.
मुस्लिम लीग के बारे में अपने नजरिए में साफ बदलाव का इशारा देते हुए, माकपा की केरल इकाई के राज्य सिक्रेटरी एम वी गोविंदन ने पनक्कड़ थंगल परिवार की पार्टी के साथ उनकी पार्टी के खुले अलायंस को भी याद किया, जब कम्युनिस्ट दिग्गज ई एम एस नंबूदरीपाद की कयादत में केरल में 1967 में सरकार बनाई गई थी.
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माकपा पोलित ब्यूरो के मेंबर गोविंदन ने मीडिया से कहा, ‘‘मुस्लिम लीग एक ऐसी पार्टी है जो मैनॉरिटीज के लिए जमहूरी तरीके से काम करती है. हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह एक कम्युनिल पार्टी है." गोविंदन ने मुस्लिम लीग, जिसे कभी माकपा ने एक कम्युनल पार्टी करार दिया था, के बारे में साफ तौर से से गर्मजोशी दिखाते हुए कहा कि केवल एसडीपीआई जैसी पार्टियां ही कम्युनल हालत अपना रही हैं.
गोविंदन ने कहा कि मुस्लिम लीग ने जब एसडीपीआई जैसी ताकतों से दोस्ती की तो माकपा ने उसकी तनकीद की. वाम दल के नेता ने कहा कि कम्युनलिज्म के खिलाफ मुशतरका तौर से लड़ने वालों के लिए देश में एक बड़ा मंच है. हालांकि, उन्होंने साफ किया कि यह राजनीतिक अलायंस नहीं है.
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