New Shahi Imam of Jama Masjid Delhi: दिल्ली की जामा मस्जिद को नया शाही इमाम मिल गया है. शब-ए-बारात पर शाबान बुखारी की दस्तारबंदी की गई और इस दौरान इमाम बुखारी ने मुसलमानों से एक गुजारिश भी की.
Trending Photos
New Shahi Imam of Jama Masjid Delhi: देश भर के मुसलमानों ने रविवार को 'शब-ए-बारात' मनाया, जिसे 'माफी की रात' भी कहा जाता है, यह एक बेहद खास त्योहार है जो इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 14वीं और 15वीं रात को मनाया जाता है. इस दौरान (रविवार) दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी को भव्य मस्जिद के अहाते में आयोजित 'दस्तारबंदी' समारोह में अपने बेटे को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है.
इस खास प्रोग्राम में इमाम के सिर पर 'दस्तारबंदी (पगड़ी)' बांधी गई. इसके बाद नमाज कराई गई. इस दौरान सैयद इमाम बुखारी ने कहा,"यह प्रार्थना की रात है. यह गुनाहों से माफी की रात है. सभी को शांत रहकर अल्लाह की इबादत करनी चाहिए और बाद में सभी को अपने घर जाना चाहिए."
इमाम बुखारी बताते हैं कि जमा मस्जिद के पहले शाही इमाम सैयद अब्दुल गफूर शाह बुखारी को 63 साल की उम्र में शाही इमाम बनाया गया था. सभी इमामों ने अपने जिंदगी में ही अगले शाही इमाम का ऐलान किया है. इसलिए, 400 सालों से ज्यादा से चली आ रही इस परंपरा के मुताबिक जामा मस्जिद से मैं ऐलान करता हूं कि सैयद शाबान बुखारी ही मेरे उत्तराधिकारी होंगे.
कौन हैं शाबान बुखारी?
जामा मस्जिद के अगले इमाम शाबान बुखारी का पूरा नाम सैयद उसाम शाबान बुखारी है. उनकी पैदाइश दिल्ली में 11 मार्च 1995 में हुई थी. उन्होंने एमिटी युनिवर्सिटी से सोशल वर्क में मास्टर डिग्री की है. 2014 में शाबान को अहमद बुखारी ने नायाब इमाम नियुक्त किया था. वह अहमद बुखारी के तीन बच्चों में से सबसे छोटे बच्चे हैं. शाबान शादीशुदा हैं और उनके 2 बच्चे हैं, और उनकी पत्नी का नाम शाज़िया है.
शब-ए-बारात का सेलिब्रेशन निजामुद्दीन दरगाह में भी देखने को मिला. लोग दरगाह के चारों और इकट्ठा हुए और इबादत की. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने शब-ए-बारात समारोह के मद्देनजर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के आसपास अलग-अलग जांच चौकियां लगाईं. उधर श्रीनगर की दरगाह हजरतबल दरगाह को रोशनी से सजाया गया और बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्र हुए.
देश के अलग-अलग हिस्सों में शब-ए बारात मनाया गया. मुंबई जामा मस्जिद के ट्रस्टी शोएब खातिब कहते हैं,"मुंबई में बड़ा कब्रिस्तान का इतिहास 200 साल पुराना है. यह 8 एकड़ में फैला हुआ है. जिन लोगों की मौत हो गई है उनके लोग यहां आते हैं और उनके लिए दुआ करते हैं. मुंबई पुलिस ने अद्भुत व्यवस्था की है. जो भी दिशानिर्देश बनाए गए थे, सभी ने उनका पालन किया गया."