राजस्थान के कोटा में कई बच्चे पढ़ाई के दबाव के चलते आत्महत्या करते हैं. ऐसे में सुसाइड रोकने के लिए इंतेजामिया ने कई कदम उठाए हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं.
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Kota News: राजस्थान के जिला कोटा में हर साल कई बच्चे सुसाइड कर लेते हैं. इसको रोकने के लिए हॉस्टल के मालिकों ने बड़ा कदम उठाया है. अब हॉस्टल के मालिक छात्रावास की बालकनी में जाल लगा रहे हैं ताकि बच्चे इससे छलांग न लगा सकें. आत्महत्याओं के मामलों से हॉस्टल मालिक बहुत परेशान हैं, जिसके लिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया है.
पंखों में स्प्रिंग लगाया
इससे पहले बच्चों की आत्महत्या रोकने के लिए उठाए गए कदम के तहत सीलिंग फैंन में स्प्रिंग लगाने का कदम भी उठाया जा चुका है. अफसरों के मुताबिक कोटा में इस साल कंपटीटिव एग्जाम की तैयारियां कर रहे कम से कम 20 बच्चों ने आत्महत्या कर ली. किसी भी साल में हुई यह अब तक की सबसे बड़ी तादाद है. पिछले साल तकरीबन 15 बच्चों ने अपनी जान ली थी.
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सभी जगह लगेगी जाली
एक हॉस्टल मालिक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि "सभी लॉबी, खिड़कियों और बालकनियों में लोहे की जाली लगाई गई हैं." उनका कहना है कि बच्चे ज्यादातर या तो छत से कूद जाते हैं या फिर वह पंखे से लटकर अपनी जिंदगी खत्म कर डालते हैं. ऐसे में उन्होंने दोनों तरह के इंतेजाम किए हैं कि बच्चे आत्महत्या से बचे रहें.
इंतेजामिया ने दी हिदायत
एक रिपोर्ट के मुताबिक "आत्महत्या विरोधी उपाय" के तहत एक मीटिंग हुई. इसमें तय हुआ कि हर पंखे में स्प्रिंग जैसी सामान लगाए जाएंगे. इंतेजामिया ने सख्ती से इस पर अमल करने की हिदायद दी है. इंजीनियरिंग के लिए (JEE) और मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए (NEET) की तैयारियों के लिए हर साल कोटा में दो लाख से ज्यादा बच्चे आते हैं.
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