मध्य प्रदेश में अब सरकारी शिक्षक भिखारियों की करेंगे तलाश, आदेश से कहीं ख़ुशी कहीं गम
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मध्य प्रदेश में अब सरकारी शिक्षक भिखारियों की करेंगे तलाश, आदेश से कहीं ख़ुशी कहीं गम

Madhya Pradesh News: इस भीषण गर्मी में ग्वालियर के डीईओ ने शिक्षकों की ड्यूटी शहर में भिखारियों को खोजने में लगाई है.  जिला एजुकेशन ऑफिसर अजय कटियार के इस आदेश के बाद बवाल मचा हुआ है.  जिला एजुकेशन डिपार्टमेंट के जारी इस आदेश में हवाला दिया है.

मध्य प्रदेश में अब सरकारी शिक्षक भिखारियों की करेंगे तलाश, आदेश से कहीं ख़ुशी कहीं गम

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के शिक्षा अधिकारी ने एक अजीबो-गरीब आदेश जारी किया गया है. डीईओ के इस आदेश के बाद ग्वालियर समेत पूरे प्रदेश के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है. कोई इसे कानून के खिलाफ बता रहा है तो कोई शिक्षकों के साथ ज्यादती बता रहा है. इस तरह का आदेश शिक्षकों को पहली बार नहीं मिला है. इससे पहले बिहार में खुले में शौच करने वालों के निगरानी के लिए शिक्षकों का पहरा लगाया गया था.  

दरअसल, इस भीषण गर्मी में ग्वालियर के डीईओ ने शिक्षकों की ड्यूटी शहर में भिखारियों को खोजने में लगाई है. जिला एजुकेशन डिपार्टमेंट के जारी इस आदेश में हवाला दिया गया है कि महिला एवं बाल विकास की स्पेशल कैंपेन को लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों के कुछ प्रिंसिल और कर्मचारियों की सड़कों पर घूमने वाले भिखारियों को खोजने की ड्यूटी लगाई जाती है.

टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन ने आदेश को वाप लेने की मांग
जिला एजुकेशन ऑफिसर अजय कटियार के इस आदेश के बाद बवाल मचा हुआ है. इस आदेश के बाद टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन ने आपत्ति दर्ज कराई है और इस आदेश को वापस लेने की मांग की है. वहीं, यह आदेश जारी करने के बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट के आला अफसर ने मीडिया के सामने आने से बचते हुए दिखाई दिए.

आखिर क्यों दिया ये आदेश? 
बता दें कि भिक्षावृत्ती में लिप्त बालक/बालिकाओं की दस्तयाबी और सड़क पर रहने वाले बालक/बालिकाओं को पुनर्वास के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक योजना बनाई है. इस योजना के तहत रोजाना भीख मांगने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूल पहुंचाया ताकि कोई भी शिक्षा से महरूम न रहे. अजय कटियार ने बताया कि महिला बाल विकास विभाग के आदेश ड्यूटी लगाई है. इसका मकसद यही है कि भिक्षा वृत्ति करने वाले बच्चों को भी शिक्षा दिलाई जाए.

शिक्षकों ने दी ये दलील 
दूसरी तरफ, शिक्षकों ने कहा कि अधिनियम 2009 की धारा 27 में उल्लेख है कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाया जा सकता. लेकिन अब शिक्षकों को भिखारियों को ढूंढने की ड्यूटी लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि ग्वालियर चंबल में भीषण गर्मी पड़ रही है लेकिन इसके बावजूद भी शिक्षकों को भिखारियों को पकड़ने के काम में लगा दिया गया है.

गौरतलब है कि डीएम रुचिका चौहान के निर्देश पर 22 मई से यह कार्रवाई शुरू की गई है. बच्चों के पुनर्वास नीति 2022 ( Rehabilitation Policy ) के तहत 22 मई से 9 जून तक 20 दिन यह मुहिम चलाई जानी है. इस मुहीम के दौरान भीख मांगने वाले बच्चों को पकड़ने, उनके पुनर्वास की अरेंजमेंट के साथ ही वेलफेयर स्कीम्स से जोड़ने की कार्रवाई होगी.  

बिहार सरकार ने दिया था ये आदेश
उल्लेखनीय है कि साल 2017 में बिहार सरकार ने  नियोजित शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों पर निगरानी रखने का आदेश जारी किया था.सरकार के इस फरमान के बाद शिक्षक संघों ने खूब विरोध किया था.सरकार के इस आदेश में बिहार के हाइस्कूल के शिक्षक खुले में लोटा लेकर शौच जाने वालों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी थी.

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