प्रणब मुखर्जी को कई ऐज़ाज़ भी मिल हैं. जिनमें सरे फहरिस्त हिंदुस्तान का सबसे बड़ा शहरी अवार्ज भारत रत्न भी शामिल है. साल 2019 में मुखर्जी को भारत से नवाज़ा गया था.
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नई दिल्ली: साबिक सद्रे जम्हूरिया प्रणब मुखर्जी का आज इंतेकाल हो गया है. पीर की शाम को 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी ने अंतिम सांस ली. वो पिछले कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे. उनके इंतेकाल की खबर के बाद पूरे मुल्क एक गमज़दा माहौल ने जन्म ले लिया है और सियासी, मज़हबी, समाजी शख्सियात उनके इंतेकाल पर दुख का इज़ाहर कर रही हैं.
प्रणब मुखर्जी का सियासी सफर
साल 1969 पहली बार राज्यसभा मेंबर, 1973 इंदिरा गांधी हुकूमत में उप मंत्री, 1975 दूसरी बार राज्यसभा एमपी, 1981 तीसरी बार राज्यसभा एमपी, 1984 इंदिरा गांधी हुकूमत में वज़ीरे खज़ाना, 1984 सर्वे में दुनिया के सबसे बेहतरीन वज़ीरे खज़ाना, 1991 योजना आयोग के नायब सद्र, 1993 चौथी बार राज्यसभा एमपी, 1995 नरसिम्हा राव हुकूमत में वज़ीरे खारजा, 1999 पांचवी बार राज्यसभा एमपी, 2004 पहली बार लोकसभा एमपी, 2004 यूपीए-1 हुकूमत में वज़ीरे दिफा (Difence Minister), 2006 यूपीए-1 हुकूमत में वज़ीरे खारजा, 2009 यूपीए-2 हुकूमत में वज़ीरे खज़ाना, 2012 हिंदुस्तान के 13वें सद्रे जम्हूरिया बने, 2017 सद्रे जम्हूरिया की मुद्दत खत्म.
प्रणब मुखर्जी को कई ऐज़ाज़ भी मिल हैं. जिनमें सरे फहरिस्त हिंदुस्तान का सबसे बड़ा शहरी अवार्ज भारत रत्न भी शामिल है. साल 2019 में मुखर्जी को भारत से नवाज़ा गया था. उससे पहले साल 2008 में पद्म विभूषण और साल 1997 में सर्वश्रेष्ठ एमपी का अवार्ड भी मिला है.
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