Himachal Pradesh Political Crisis: खतरे में कांग्रेस की सरकार; MLAs की गद्दारी से परेशान है पार्टी
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Himachal Pradesh Political Crisis: खतरे में कांग्रेस की सरकार; MLAs की गद्दारी से परेशान है पार्टी

Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में सियासी घमासान जारी है. बताया जाता है कि यहां कांग्रेस के विधायक नाराज हैं. ऐसे में कांग्रेस के आला कमान ने दो पर्यवेक्षकों से बात करने के लिए भेजा है.

Himachal Pradesh Political Crisis: खतरे में कांग्रेस की सरकार; MLAs की गद्दारी से परेशान है पार्टी

Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में जारी राजनीतिक घमासान के बीच विधानसभा स्पीकर ने बुधवार को बीजेपी के 15 विधायकों को विधानसभा से बर्खास्त कर दिया है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का भी नाम शामिल है. बता दें कि बीजेपी के 15 विधायकों को तब निष्कासित किया गया है, जब वहां सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस्तीफे के पीछे की वजह बताते हुए कहा, "लगातार विधानसभा में हमारे विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही थी जिसकी वजह से सरकार में इस तरह की स्थिति पैदा हुई."

कांग्रेस के खिलाफ की वोटिंग
इससे पहले कांग्रेस विधायकों ने राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट पर क्रॉस वोटिंग की थी. बता दें कि बीजेपी के पक्ष में वोट करने वालों में सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और राजिंदर राणा (सुजानपुर), दोनों मंत्री पद के इच्छुक; इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर); रवि ठाकुर (लाहौल-स्पीति); चैतन्य शर्मा (गगरेट); और देवेंदर भुट्टो (कुटलैहड़) का नाम शामिल है. इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी के पक्ष में वोट किया था. इस तरह कांग्रेस के खेमे में अब 34 विधायक हैं, तो वहीं बीजेपी के खेमे में भी विधायकों की संख्या इतनी ही है.

विधायकों को किडनैप करने का इल्जाम
राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के बाद विधायक मंगलवार को शिमला से हरियाणा पहुंचे. समझा जाता है कि वे राज्य सरकार में संभावित तख्तापलट के लिए भाजपा के संपर्क में हैं. खबरों के मुताबिक, विधायक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से 'निराश' थे और उनके प्रतिस्थापन की मांग कर रहे थे. रवि ठाकुर ने मंगलवार को सुक्खू के उन दावों को खारिज कर दिया था कि पार्टी के कुछ विधायकों का "अपहरण" कर लिया गया था और उन्होंने पंचकुला की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा था कि वह "कहीं भी जा सकते हैं". शिमला में सुक्खू ने आरोप लगाया कि "पांच से छह" कांग्रेस विधायकों का "अपहरण" कर लिया गया और सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई.

असंतुष्ट विधायकों से होगी बात
उधर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा और डीके शिवकुमार को पार्टी के सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए शिमला भेजा. सूत्रों ने कहा कि समझा जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल के घटनाक्रम पर पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से बात की है. हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में छह कांग्रेस विधायकों द्वारा भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के कुछ घंटों बाद, खड़गे असंतुष्ट विधायकों को शांत करने के लिए हरकत में आए और उन्होंने हुड्डा और शिवकुमार को राज्य में भेजा. उन्हें उन छह विधायकों सहित असंतुष्ट विधायकों से जुड़ने के लिए कहा गया है, जिनके बारे में समझा जाता है कि वे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से "निराश" हैं और उनका प्रतिस्थापन चाह रहे हैं. 

इस्तीफा नहीं देंगे सुक्खू
इस बीच खबरें आ रहीं थीं कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं लेकिन उन्होंने कहा है कि वह ना ही उन्होंने इस्तीफे की पेशकस की और न ही उनसे किसी ने मांगा. उन्होंने कहा हम अपना बहुमत भी साबित करेंगे हम संघर्ष की राजनीति से निकले है हम बहुमत पेश करेंगे, हम नीचे से संघर्ष करके आए है उनमें से कुछ विधायक हमारे संपर्क में है जो राजनीति दबाव बनाते है उन लोगों का बहुत ही जल्द पर्दाफाश करेंगे नहीं उनसे बात कर लेंगे उनसे कोई ऐसी बात नहीं है वो मेरा छोटा भाई है हम लोग कांग्रेस पार्टी को मजबूत कर रहे है.

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