QR कोड से करते हैं ONLINE पेमेंट तो हो जाए सावधान, यूं हो रहा है धोखा
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam842834

QR कोड से करते हैं ONLINE पेमेंट तो हो जाए सावधान, यूं हो रहा है धोखा

QR कोड ब्लैक लाइन से बना एक पैटर्न कोड होता है जिसमें यूजर का अकाउंट रिलेटेड डाटा सेवा होता है. जब स्मार्टफोन से किसी कोड को स्कैन किया जाता है तो उसमें सेव डाटा डिजिटल भाषा में बदल जाता है, जिसे आसानी से समझा जा सके.

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली:  अगर आप भी QR कोड की मदद से ऑनलाइन पेमेंट करते है तो अब आपको सतर्क हो जाना चाहिए. क्योंकि अब साइबर अपराधी इस कोड की मदद से आपकी मेहनत की कमाई को आपके अकाउंट से एक झटके में उड़ा सकते हैं. साइबर क्रिमिनल्स ऑनलाइन ठगी का नया तरीका ढूंढ़ लिए हैं. QR कोड फिशिंग के कई मामले सामने आ रहे है. इसलिए आप भी जान लिजिए 

QR कोड फिशिंग कैसे होता है?
जब आप किसी प्रोडक्ट को खरीदने के लिए ऑनलाइन पेमेंट करने है तो फ्रॉड खरीदारों के तौर एक क्यूआर कोड को जेनरेट करते है और उसे अग्रिम या टोकन मनी का भुगतान करने के लिए शेयर करते हैं. इसके बाद मूल राशि से ज्यादा अमाउंट के साथ एक क्यूआर कोड बनाते हैं और इसे वॉट्सऐप या ईमेल के जरिए खरीदने वाले व्यक्ति के साथ शेयर करते हैं, फिर वे फ्रॉडस्टर यूजर से उसे स्केन करके पैसा ट्रांस्फर करने के लिए कहते हैं. फोटो गैलरी से क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद, ग्राहक को भुगतान के साथ आगे बढ़ने के लिए बोला जाता है. इस दौरान यूजर जैसे ही UPI पिन डालता है, उसके बैंक खाते से अमाउंट डिडक्ट हो जाते हैं

कैसे करें QR फिशिंग से बचाव?

  • QR कोड को फोन के कैमरे से सीधे स्कैन के बजाय ऐसे ऐप से करें जो QR कोड की डिटेल्स जैसे रिसीवर का नाम आदि बताता हो.
  • मैसज या ई-मेल में मिले कोई अनजान या नए QR कोड को स्कैन करने से बचें. 
  • बैंक में हुए किसी गलत ट्रांजैक्शन पर तुरंत एक्शन लें. फ्रॉड का शिकार होने पर इसकी शिकायत आप साइबर सेल में कर सकते है. 
  • यह याद रखना चाहिए कि केवल दुकानों पर पेमेंट करने क्यूआर कोड को स्कैन करने की आवश्यकता पड़ती है. 
  • किसी भी व्यक्ति से पैसे लेने या फिर भेजने के लिए क्यूआर कोड की जरूरत नहीं पड़ती है. 

क्या है QR फिशिंग?
QR कोड ब्लैक लाइन से बना एक पैटर्न कोड होता है जिसमें यूजर का अकाउंट रिलेटेड डाटा सेवा होता है. जब स्मार्टफोन से किसी कोड को स्कैन किया जाता है तो उसमें सेव डाटा डिजिटल भाषा में बदल जाता है, जिसे आसानी से समझा जा सके. QR कोड में अंतर बता पाना मुश्किल होता है. साइबर ठग इसी का फायदा उठाकर QR कोड बदल देते हैं. जिससे पैसा सीधा ठगों के अकाउंट में चला जाता है. इसी प्रक्रिया को QR फिशिंग कहते हैं.

LIVE TV ZEE SALAAM

Trending news