RJD को पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के परिवार को नजरअंदाज करना पड़ा भारी, सीवान में हुआ त्रिकोणीय मुकाबला
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RJD को पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के परिवार को नजरअंदाज करना पड़ा भारी, सीवान में हुआ त्रिकोणीय मुकाबला

Aam Chunav 2024: सीवान की चर्चा बिहार की राजनीति में होती रही है. अपने अंदाज में राजनीति करने वाले बाहुबली नेता शहाबुद्दीन भी सिवान लोकसभा सीट से चार बार सांसद चुने गए. इस बार पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की बीवी हिना शहाब भी निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गई हैं. जिससे सीवान का चुनाव रोचक हो गया है.

RJD को पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के परिवार को नजरअंदाज करना पड़ा भारी, सीवान में हुआ त्रिकोणीय मुकाबला

Aam Chunav 2024: बिहार की राजनीति में बाहुबलियों की अपनी खास पहचान रही है. सीवान की चर्चा बिहार की राजनीति में होती रही है. अपने अंदाज में राजनीति करने वाले बाहुबली नेता शहाबुद्दीन भी सिवान लोकसभा सीट से चार बार सांसद चुने गए. इस इलेक्शन में सीवान लोकसभा इलाके में महागठबंधन की तरफ से राजद ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को मैदान में उतारा गया है. वहीं, एनडीए की तरफ से जदयू ने विजयलक्ष्मी को मैदान में उतारकर मुकाबले को कांटे का बना दिया है.

इस बीच, पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की बीवी हिना शहाब भी निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गई हैं. इसके बाद मुकाबला और रोचक हो गया है. सीवान संसदीय क्षेत्र के तहत छह विधानसभा सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंदा और बरहड़िया आते हैं. माना जाता है कि इस इलाके में यादव, मुस्लिम, राजपूत जातियों का खासा प्रभाव है. 

हिना शहाब की हुई थी हार
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू की कविता सिंह 1 लाख से ज्यादा वोटों से जीती थीं, लेकिन, उस इलेक्शन में यहां से भाकपा माले ने भी अपना उम्मीदवार उतारा था. तब राजद की हिना शहाब को 3.31 लाख और भाकपा माले के अमरनाथ यादव को करीब 74 हजार वोट मिले थे. साल 2014 के लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी के ओम प्रकाश यादव ने राजद की हिना को पराजित किया था. उस इलेक्शन में ओम प्रकाश को 3,72,670 वोट मिले थे, जबकि हिना शहाब को 2,58,823 मतों से संतोष करना पड़ा था. हालांकि, इस बार हिना शहाब की वजह से सीवान में त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है. वहीं, हिना शहाब के समर्थक ताबिश हसन का कहना है कि हिना शहाब बहुत ही मजबूती से इलेक्शन लड़ रही है. उनको सभी जातियों का समर्थन मिल रहा है. इस बार उनकी जीत पक्की है. 

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन चार बार चुने गए सांसद
साल 2009 के चुनाव में भी हिना को ओमप्रकाश ने बतौर निर्दलीय पराजित किया था. हिना शहाब भले ही चौथी बार चुनाव मैदान में उतरी हैं, लेकिन राजनीति में उनकी पहचान आज भी इस इलाके का चार बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले उनके दिवंगत शौहर मोहम्मद शहाबुद्दीन से ही होती है. शहाबुद्दीन की राजनीतिक पारी की शुरुआत साल1990 में निर्दलीय विधायक के रूप में हुई थी. साल 1992 से 2004 तक वे चार बार इलाके के सांसद चुने गए.

राजद कैंडिडेट इस मुद्दे पर मांग रहे हैं वोट
राजद के कैंडिडेट अवध बिहारी चौधरी को जहां मुस्लिम-यादव समीकरण के अलावा मल्लाह और दलितों के वोट बैंक के सहारे जीत की उम्मीद है, वहीं जदयू को सवर्ण जाति के अलावा वैश्य, अति पिछड़े और दलित जाति के साथ मोदी लहर पर भरोसा है. एनडीए के कैंडिडेट और कार्यकर्ता राष्ट्रवाद, पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यक्तित्व को लेकर वोटर्स के पास पहुंच रहे हैं. वहीं, बिहार के पुराने 'जंगलराज' को भी याद करवा रहे हैं.

25 मई को होगी वोटिंग
महागठबंधन जातीय मुद्दे और सरकार की वादाखिलाफी को लेकर मतदाताओं को रिझाने में लगा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि दोनों गठबंधनों के लिए इलेक्शन तक अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने की चुनौती है. इस क्षेत्र में छठे चरण के तहत 25 मई को वोटिंग होना है. जबकि, परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे.

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