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गाज़ियाबाद: एक फिल्म आई थी "ट्रैफिक" जो एक रियल स्टोरी थी. जिसमें ब्रेन डेड लड़के के दिल को एक मासूम बच्ची के दिल की जगह लगाया गया था और उस बच्ची को नई जिंदगी मिली थी. ऐसा ही कुछ गाज़ियाबाद में देखने को मिला है. गाज़ियाबाद की रहने वाली 41 साल की सैयद रफत परवीन यूं तो खुद दुनिया को अलविदा कहकर चली गईं लेकिन जाते-जाते वह ऐसा काम कर गईं जिसने 6 लोगों को नई जिंदगी दी. दरअसल, उनका दिल, किडनी और लिवर चार लोगों में ट्रांसप्लांट किया गया है. यह सब उनके परिवार की सहमति से ही किया गया है.
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41 साल की सैयद रफत परवीन का 'ब्रेन डेड' हो गया था. पिछले हफ्ते ही रफत के दिमाग की नसों में अचानक ब्लीडिंग शुरू हो गई थी. वैशाली में मौजूद अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की लेकिन रफत की हालत बिगड़ती गई और फिर गुरुवार को वह जिंदगी की जंग हार गईं.
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डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड ऐलान कर दिया. 'ब्रेन डेड' ऐलान किए जाने के बाद डॉक्टर्स ने उनके परिवार की रजामंदी से रफत के अंगदान की प्रक्रिया शुरू की. परिवार की सहमति के बाद अस्पताल के डाक्टरों ने तुरंत नैशनल ऑर्गन एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन को इसकी जानकारी दी. रफत का दिल, किडनी और लिवर को अलग कर लिया गया.
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रफत के दिल को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर निजी अस्पताल साकेत भेजा गया था, वहां उसका ट्रांसप्लांट किया गया. इसके अलावा रफत की एक किडनी और लिवर को भी निजी अस्पताल में दो अलग-अलग मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया. जबकि दूसरी किडनी को गुरुग्राम में मौजूद एक अस्पताल में 45 मिनट में भेजकर ट्रांसप्लांट किया गया.
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