पुलिस का कहना है कि बस की क्षमता 32 सवारियों की थी, लेकिन इसमें 60 के करीब यात्री भर लिए गए थे. सीधी मार्ग पर छुहिया घाटी से होकर बस को सतना जाना था, लेकिन जाम लगे होने की वजह से ड्राइवर ने रूट बदल दिया.
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सीधी: मंगलवार की सुबह मध्य प्रदेश के सीधी जिले में बड़ा सड़क हादसा हो गया. 60 सवारियों के लेकर सीधी से सतना जा रही एक यात्री बस साइड देने के चक्कर में नहर में गिर गई. नहर में बस गिरने से 47 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 19 पुरुष और 17 महिलाएं शामिल है. वहीं रेस्क्यू की टीम ने 11 यात्रियों को बचाने में कामयाब हुई है. वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है.
ड्राइवर की लापरवाही आई सामने
पुलिस का कहना है कि बस की क्षमता 32 सवारियों की थी, लेकिन इसमें 60 के करीब यात्री भर लिए गए थे. सीधी मार्ग पर छुहिया घाटी से होकर बस को सतना जाना था, लेकिन जाम लगे होने की वजह से ड्राइवर ने रूट बदल दिया. वह नहर के किनारे संकरे रास्ते से बस ले जा रहा था. सीधी से 80 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद चुरहट और रामपुर नैकिन पार करते ही बड़ा कस्बे के पास बस अनियंत्रित होकर नहर में पलट गई.
परिवहन मंत्री ने दिया जांच का आदेश
मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने बताया कि बस का परमिट रद्द कर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा.डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को घटनास्थल पर भेजा गया है.
'गृहप्रवशेम कार्यक्रम' को किया गया स्थगित
सीधी बस हादसे के बाद मध्य प्रदेश में आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होने वाला 'गृहप्रवशेम कार्यक्रम' स्थगित कर दिया गया है.इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह के हाथों एमपी को सौगात मिलने वाली थी.मंगलवार (16 फरवरी) को बसंत पंचमी के मौके पर प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों का एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाना था. कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराने वाले थे.भोपाल के मिंटो हॉल में होने वाले इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज पहुंच गए थे.वहां उन्होंने कार्यक्रम स्थगित करने की घोषणा की और बस हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
1988 में सड़क हादसे में 88 लोगों की हुई थी मौत
सीधी-सतना मार्ग पर अब तक तीन बड़े हादसे हो चुके हैं.पहला हादसा 1988 में हुआ था जब लिलजी बांध में बस जा गिरी थी.उस हादसे में 88 यात्रियों की मौत हो गयी थी.उसके बाद 18 नवंबर 2006 में में यात्रियों से भरी एक बस गोविंदगढ़ तालाब में जा घुसी थी. उस दुर्घटना में 68 यात्रियों की मौत हो गयी थी. मंगलवार को हुए सीधी हादसे में 47 यात्री काल के गाल में समा गए.
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