Sambhal: सपा का 10 मेंबर का डेलिगेशन पहुंचेगा संभल, मृतकों के परिजनों की होगी आर्थिक मदद
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Sambhal: सपा का 10 मेंबर का डेलिगेशन पहुंचेगा संभल, मृतकों के परिजनों की होगी आर्थिक मदद

Sambhal: संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने के लिए आज समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन संभल पहुंच रहा है. इस दौरान डेलिगेशन परिजनों की आर्थिक मदद भी करने वाला है.

Sambhal: सपा का 10 मेंबर का डेलिगेशन पहुंचेगा संभल, मृतकों के परिजनों की होगी आर्थिक मदद

Sambhal: समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन आज संभल का पहुंचने वाला है. जिसमें 10 मेंबर शामिल होंगे, जो 24 नवंबर को हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे. जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हुई थी.

संभल के परिवारों की आर्थिक मदद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डेलिगेशन मरने वालों के परिवारों की आर्थिक मदद कर सकते है. इस मुलाकात के बाद डेलीगेशन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को रिपोर्ट सौपेंगे. यह पहली बार है जब सपा डेलिगेशन संभल पहुंच रहा है.सपा के जिला महासचिव सईद अख्तर इसराइली ने जानकारी दी है कि संभल हिंसा में मारे गए लोगों को पांच-पांच लाख रुपये का चेक दिया जाएगा.

कौन कर रहा है अगुवाई

10 मेंबर के इस डेलिगेशन की अगुवाई विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और विधान परिष के नेता प्रतिलक्ष बिहारी पांडेय कर रहे हैं. इसके साथ ही स्थानीय सांसद और विधायक भी मौके पर मौजूद रहेंगे. अब देखना होगा कि पुलिस परिजनों से मिलने की इजाजत देती है या नहीं.

अखिलेश यादव ने किया था बड़ा ऐलान

हिंसा के बाद अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपये आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था. अब डेलिगेशन मरने वालों के परिजनों से मुलाकात करने जा रहा है. ऐसे में उनकी आर्थिक मदद हो सकती है. पुलिस ने  संभल हिंसा मामले में कई एफआई आर दर्ज भी कई हैं. जिसमें संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का नाम भी है. वहीं इस मामले में 49 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

संभल हिंसा

बता दें, 24 अक्टूबर को संभल में हिंसा हुई थी. इस दौरान 4 लोगों की मौत हुई थी. वहीं कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. यह हिंसा कोर्ट के एक ऑर्डर के बाद शुरू हुई थी. जिसमें शाही मस्जिद के सर्वे की बात की गई थी. 19 नवंबर को लोकल कोर्ट ने हिंदू पक्ष की अपील सुनकर जांच के आदेश दिए थे. इस दौरान मुस्लिम पक्ष को नहीं सुना गया. जिससे इलाकाई लोग नाराज थे. 19 नवंबर को ही टीम सर्वे करने के लिए पहुंच गई. लेकिन, सर्वे पूरा नहीं हो पाया और फिर टीम 24 नवंबर को संभल शाही मस्जिद पहुंची. इसी दौरान पत्थरबाजी, आगजनी और फायरिंग के मामले पेश आए. जिसमें पांच लोगों की मौक हो गई.

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