What is 65 Quota System: गुजरात में 65 फीसद कोटा के तहत 68 जजों का प्रमोशन किया गया है. इस प्रमोशन लिस्ट के खिलाफ गुजरात सरकार के दो न्यायिक अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. उन्होंने आरोप लगाया है कि परीक्षा में कम अंक हासिल करने वालों को भी प्रमोट कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली और अब फैसले का इंतेजार है.
Trending Photos
68 Judged Promotion Case: 10 मार्च 2023 को गुजरात हाई कोर्ट को 68 जजों के प्रमोशन और नियुक्ति संबंधित एक लिस्ट जारी की थी. जिसके खिलाफ गुजरात सरकार के ही दो न्यायिक अफसरों ने सवाल खड़े कर दिए और फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा. प्रमोशन वाली लिस्ट में राहुल गांधी को मोदी उपनाम मामले में दो साल की सजा सुनाने वाले ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा और गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि मामले में दिल्ली के सीएम केजरीवाल को समन जारी करने वाले जज भी शामिल हैं.
प्रमोशन लिस्ट को चुनौती देने वाले न्यायिक अफसरों में रवि कुमार मेहता और सचिन प्रजापराय मेहता शामिल हैं. इन दोनों का कहना है कि 65 फीसद प्रमोशन कोटा के लिए हुई परीक्षा में कम अंक हासिल करने वालों अफसरों को भी प्रमोट कर दिया गया है. बता दें कि रवि और सचिन ने भी यह परीक्षा दी थी. इस परीक्षा में रवि को 200 में से 135.5 तो सचिन को 148.5 अंक हासिल हुए थे. जबकि राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले जज को सिर्फ 127 अंक मिले थे. इसके अलावा कई ऐसे अफसर हैं जिनके नंबर्स रवि और सचिन से कम हैं और उनको प्रमोट किया गया है.
सचिन और रवि ने सुप्रीम में कहा कि 68 जजों के प्रमोशन के लिए तय किए गए क्राइटेरिये का पालन नहीं हुआ है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि प्रमोशन हासिल करने के लिए एग्जाम के साथ-साथ 'मेरिट कम सीनियॉरिटी' क्राइटेरिया रखी गई थी, लेकिन प्रमोशन के लिए अपनाया गया तरीका बिल्कुल उलट कर दिया गया. उन्होंने कहा कि 68 जजों के प्रमोशन के लिए 'सीनियॉरिटी कम मेरिट' की बुनिया पर हुआ. प्रमोशन के लिए उठाए गए इस कदम से काबिल और ज्यादा नंबर्स हासिल करने वाले लोग बाहर हो गए हैं.
इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. देश की सबसे बड़ी अदालत के इस अहम फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट ने लिस्ट के विपरीत फैसला सुना देता है तो एक बार फिर कई सवाल खड़े हो जाएंगे. अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस अहम मामले में क्या फैसला सुनता है.
ZEE SALAAM LIVE TV