Cyrus Mistry Death: पारसी थे साइरस, टॉवर पर ले जाकर ऐसे किया जाता है अंतिम संस्कार!
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Cyrus Mistry Death: पारसी थे साइरस, टॉवर पर ले जाकर ऐसे किया जाता है अंतिम संस्कार!

Cyrus Mistry Death: साइरस मिस्त्री की मौत एक एक्सिडेंट में हो गई. इस कार में 4 लोग सवार थे जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई, वहीं दो लोग घायल हैं. साइरस पारसी समुदाय से ताल्लुक रखते थे.

Cyrus Mistry Death: पारसी थे साइरस, टॉवर पर ले जाकर ऐसे किया जाता है अंतिम संस्कार!

Cyrus Mistry Death: साइरस मिस्त्री का शव उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया है. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस का निधन महाराष्ट्र के पालघर में सड़क हादसे के दौरान हुआ. इस दौरान कार में 4 लोग सवार थे. जिनमें से 2 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 2 लोग घायल बताए जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सायरस का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा क्योंकि उनके परिवार वाले विदेश से भारत आ रहे है. उन्हें या तो र्ली के विद्युत शवदाह या डुंगरवाड़ी स्थित 'टावर ऑफ साइलेंस ले जाकर अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पारसी समुदाय का ऐसे होता है अंतिम संस्कार

पारसी समुदाय मे अंतिम संस्कार का तरीका बिलकुल अलग है. वह ना तो हिंदुओं की तरह शव को जलाते हैं और ना ही वह ईसाई और मुस्लिम समुदाय की तरह शव को दफनाते हैं. जब भी पार्सी समुदाय में किसी की मौत हो जाती है तो उनके शव को 'टावर ऑफ साइलेंस' के ऊपर रख दिया जाता है. जहां शव को गिंद्ध और दूसरे परिंदे खा जाते हैं. कई जानकारों की माने तो पारसी समुदाय में शव को जलाना या दफ्न करना खराब माना जाता है.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मरने के बाद शव को अशुद्ध मानते हैं. समुदाय का मानना होता है कि शव को आग से जलाने पर अग्नि तत्व अपवित्र हो जाते हैं या फिर उसे दफनाने से जमीन दूषित हो जाती है. इसके अलावा वह शव को नदी में भी नहीं बहाते हैं. इस से पानी खराब होने का खतरा होता है.

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'टावर ऑफ साइलेंस' क्या है?

टावर ऑफ साइलेंस वह जगह है जहां मरने के बाद पारसी समुदाय के शवों को ले जाया जाता है. इस टावर को आसान भाषा में दखमा भी कहा जाता है. यह देखने में गोलाकार आकार का होता है. जिस पर शव को धूप की रोशनी में रख दिया जाता है. लेकिन जैसे-जैसे गिद्ध कम होते जा रहे हैं वैसे-वैसे अब इस समुदाय को अंतिम संस्कार के दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

अब इस रिवाज से करने लगे अंतिम संस्कार

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पारसी समुदाय गिद्ध की घटती आबादी के परेशान हैं. गिद्ध लाश को तेजी से खाते हैं लेकिन इनकी कमी के कारण लाश काफी वक्त तक खराब होती रहती है. ऐसे में अब कुछ पारसी समुदाय के लोगों ने हिंदू रीति रिवाजों से अंतिम संस्कार से करने लगे हैं.

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