Farmer Protest Updates: सरकार के साथ किसानों की नहीं बनी बात, आज शुरू करेंगे 'दिल्ली मार्च'
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Farmer Protest Updates: सरकार के साथ किसानों की नहीं बनी बात, आज शुरू करेंगे 'दिल्ली मार्च'

Farmer Protest Updates: 'दिल्ली चलो' मार्च से पहले किसानों ने सरकार से बातचीत की लेकिन दोनों के दरमियान बातचीत बेनतीजा रही. अब आज किसान दिल्ली का रुख करेंगे. किसानों को रोकने के लिए सरकार ने कड़े इंतेजाम किए हैं.

Farmer Protest Updates: सरकार के साथ किसानों की नहीं बनी बात, आज शुरू करेंगे 'दिल्ली मार्च'

Farmer Protest Updates: ‘दिल्ली चलो’ मार्च रोकने के लिए सोमवार देर रात किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों के बैठक बेनतीजा रही. किसान मंगलवार से ‘दिल्ली मार्च’ शुरू करेंगे. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा, “हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है. हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं... हम कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.” खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि "अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है और सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि शेष मुद्दों को एक समिति के गठन के माध्यम से सुलझाया जाए."

बातचीत के जरिए हल हो मुद्दा
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर समेत अन्य लोग शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई बैठक में शामिल थे. बैठक के बाद पंढेर ने कहा, “हमने उनके साथ लंबी चर्चा की. हर मुद्दे पर बात हुई... हमारी कोशिश किसी भी टकराव से बचने की थी. हम चाहते थे कि उनके साथ बातचीत के जरिए इस मुद्दे को हल किया जाए. अगर सरकार ने हमें कोई पेशकश की होती तो हम अपने आंदोलन पर पुनर्विचार कर सकते थे.” 

सरकार कुछ नहीं देना चाहती
पंढेर ने कहा, “वे हमें कुछ भी नहीं देना चाहते... हमने उनसे निर्णय लेने के लिए कहा. उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की किसानों की मांग पर कोई फैसला नहीं लिया. हम कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.” बैठक में भाग लेने वाले एक किसान नेता ने संवाददाताओं से कहा कि "हमारी मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी शामिल है."

कंकरीट और कटीले तार के अवरोधक
बैठक में शामिल हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि "राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है." केंद्रीय मंत्रियों और किसान संगठनों के नेताओं के बीच आठ फरवरी को पहली बैठक में चर्चा हुई थी. इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और ‘‘सामाजिक अशांति’’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है. वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गई है. इन उपायों से सोमवार को सुबह दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ा जिससे यात्रियों को असुविधा हुई. 

दिल्ली चलो मार्च के खिलाफ धारा 144 लागू
हरियाणा के प्राधिकारियों ने 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए अंबाला, जींद, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमा पर कंक्रीट के अवरोधक और लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी कर दी है. हरियाणा सरकार ने भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत 15 जिलों में प्रतिबंध लगा दिए हैं. इन जिलों में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है और किसी भी प्रकार के प्रदर्शन करने या ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ मार्च निकालने पर प्रतिबंध है. 

इंटरनेट बंद
मंगलवार को प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है जबकि सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अन्य भारी वाहनों को तैनात किया गया है. वहीं, किसान संगठनों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर सीमाएं सील करने और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने के हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है. 

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